मिलिए युवा उद्यमी रोमित रंजन से, जिन्होंने मल्टीनेशनल कंपनियों को छोड़ बिहार को दुनिया से जोड़ने का उठाया है बीड़ा

बिहार के पटना निवासी रोमित रंजन जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद कई मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर चुके हैं। देश-विदेश की यात्राएं कर चुके हैं। दुनिया की बड़ी नामी कंपनियों के ऑफर को ठुकराना कोई आसान काम नहीं होता है। वर्षों से मन में पल रहे सपने को साकार करने के लिए एक समय सबकुछ छोड़कर बिहार लौट गए और दुनिया से बिहार को जोड़ने का बीडा उठाया।

मिलिए युवा उद्यमी रोमित रंजन से, जिन्होंने मल्टीनेशनल कंपनियों को छोड़ बिहार को दुनिया से जोड़ने का उठाया है बीड़ा
मिलिए युवा उद्यमी रोमित रंजन से, जिन्होंने मल्टीनेशनल कंपनियों को छोड़ बिहार को दुनिया से जोड़ने का उठाया है बीड़ा
मिलिए युवा उद्यमी रोमित रंजन से, जिन्होंने मल्टीनेशनल कंपनियों को छोड़ बिहार को दुनिया से जोड़ने का उठाया है बीड़ा
मिलिए युवा उद्यमी रोमित रंजन से, जिन्होंने मल्टीनेशनल कंपनियों को छोड़ बिहार को दुनिया से जोड़ने का उठाया है बीड़ा
मिलिए युवा उद्यमी रोमित रंजन से, जिन्होंने मल्टीनेशनल कंपनियों को छोड़ बिहार को दुनिया से जोड़ने का उठाया है बीड़ा

जय प्रकाश मिश्रा :

बिहार के पटना निवासी रोमित रंजन जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद कई मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर चुके हैं। देश-विदेश की यात्राएं कर चुके हैं। दुनिया की बड़ी नामी कंपनियों के ऑफर को ठुकराना कोई आसान काम नहीं होता है। वर्षों से मन में पल रहे सपने को साकार करने के लिए एक समय सबकुछ छोड़कर बिहार लौट गए और दुनिया से बिहार को जोड़ने का बीडा उठाया।

रोमित रंजन ने पाहुन हॉली डे एवं हॉस्पिटाल्टी नाम से कंपनी की शुरुआत की। जीवन की तमाम उलझनों एवं उतार-चढ़ाव के बाद भी रोमित रंजन ने अपने मिशन को छोड़ा नहीं और आज दुनिया से बिहार को जोड़ रहे हैं और बिहार के लोगों को दुनिया के अन्य देशों से जोड़ रहे हैं। इतना ही नहीं लोगों को बिहार लौटने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

बदलाव की दिशा में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए इन्हें विगत 31 मार्च को ‘बदलाव के सारथी’ सम्मान से सम्मानित किया गया। इनसे लोगों को प्रेरणा एवं ऊर्जा मिलती  है। आप ऐसे ही अपनी मातृभूमि को दुनिया से जोड़ते रहें एवं समाज को सशक्त करते रहें।