निर्भया मामला : अब एक और गुनहगार मुकेश कुमार ने भी खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, क्यूरेटिव पिटिशन दायर कर मांगी रहम की भीख
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषी विनय कुमर शर्मा के बाद अब एक अन्य दोषी मुकेश कुमार ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुकेश कुमार ने भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दायर कर सजा में नरमी बरतने की अपील की है। इस मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई है।
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषी विनय कुमर शर्मा के बाद अब एक अन्य दोषी मुकेश कुमार ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुकेश कुमार ने भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दायर कर सजा में नरमी बरतने की अपील की है। इस मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई है।
वास्तव में क्यूरेटिव पिटिशन तब दायर किया जाता है जब किसी मामले के दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है। ऐसे में क्यूरेटिव पिटिशन ही उस दोषी के पास मौजूद अंतिम मौका होता है, जिसके जरिए वह अपने लिए पहले से तय की गई सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है। दरअसल, क्यूरेटिव पिटिशन किसी भी मामले में अभियोग की अंतिम कड़ी होता है। क्यूरेटिव पिटिशन पर सुनवाई होने के बाद दोषी के लिए कानून के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 32 वर्षीय मुकेश, 25 वर्षीय पवन गुप्ता, 26 वर्षीय विनय कुमार शर्मा और 31 वर्षीय अक्षय कुमार सिंह के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया। कोर्ट ने कहा है कि सभी दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी।
निर्भया की मां ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दायर कर दोषियों के डेथ वारंट की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने निर्भया की मां के हक में फैसला सुनाया और 22 जनवरी फांसी की तारीख के तौर पर मुकर्रर कर दी। दरअसल, दिल्ली में सात साल पहले 16 दिसंबर की रात को एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया का सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बस से बाहर सड़क के किनारे फेंक दिया था।
निर्भया मामले के चार दोषियों विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को मृत्युदंड सुनाया गया। एक अन्य दोषी राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी और नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।
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