बिहार में शिक्षा की बदतर स्थिति पर पटना हाईकोर्ट ने जताई चिंता,मुख्य सचिव को किया तलब, दिए अहम निर्देश

बिहार की नीतीश कुमार सरकार को पटना उच्च न्यायालय से जोर का झटका लगा है। अदालत ने बीजेपी-जेडीयू सरकार की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य में शिक्षा की बदतर स्थिति पर तल्ख टिपण्णी करते हुए अदालत ने प्रदेश के मुख्य सचिव को अहम निर्देश भी दिए हैं।

बिहार में शिक्षा की बदतर स्थिति पर पटना हाईकोर्ट ने जताई चिंता,मुख्य सचिव को किया तलब, दिए अहम निर्देश
GFX of Patna High Court and CM Nitish Kumar
बिहार में शिक्षा की बदतर स्थिति पर पटना हाईकोर्ट ने जताई चिंता,मुख्य सचिव को किया तलब, दिए अहम निर्देश
बिहार में शिक्षा की बदतर स्थिति पर पटना हाईकोर्ट ने जताई चिंता,मुख्य सचिव को किया तलब, दिए अहम निर्देश

बिहार की नीतीश कुमार सरकार को पटना उच्च न्यायालय से जोर का झटका लगा है। अदालत ने बीजेपी-जेडीयू सरकार की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य में शिक्षा की बदतर स्थिति पर तल्ख टिपण्णी करते हुए अदालत ने प्रदेश के मुख्य सचिव को अहम निर्देश भी दिए हैं।

न्यायमूर्ति डॉक्टर अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने कौशल किशोर ठाकुर की रिट याचिका को सुनते हुए मुख्य सचिव को खुद से हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा है कि बिहार में बेपटरी हुई शिक्षा व्यवस्था को कैसे वापस पटरी पर लाया जाए,ताकि राज्य के भविष्य जिन गरीबों के करोड़ों बच्चों के कंधों पर है उनको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे सूबे में कानून का राज एक नारा बन कर रह गया है,जिस पर कोई अमल नहीं कर सकता। राज्य में शिक्षा सबसे खराब हालत में हैं, बावजूद इसके सुध किसी को नहीं है। पूर्णिया में गेस्ट टीचरों को हटाए जाने के मामले पर टिप्पणी करते हुए अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव से जवाब तलब किया और मुख्य सचिव को कोर्ट के सवालों के जवाब अगली सुनवाई यानी 23 मार्च से पहले दायर करना है।

अदालत ने कहा कि बिहार में क़्वालिटी एजुकेशन देने के लिए, खासकर गरीबों के बच्चों के लिए, सरकार क्या कर रही है? अदालत ने यह भी कहा कि राज्य में शिक्षा की ऐसी बदतर स्थिति इसलिए है,क्योंकि सूबे के सरकारी अफसर अपने बच्चों को राज्य से बाहर पढ़ाते हैं।

अदालत ने कहा कि राज्य में शिक्षा को ऐसी बदतर स्थिति से तभी उबारा जा सकता है जब तमाम अफसरों को बाध्य किया जाए कि उनके बच्चे  राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ें। अधिकारियों के बच्चे जब सरकारी स्कूलों में पढ़ेगे तो शिक्षा व्यवस्था स्वयं सुधर जाएगी।

ज्ञात हो कि प्रदेश में अभी बिहार बोर्ड के मैट्रिक की परीक्षा चल रही है और राज्य के नियोजित शिक्षक अपनी मांगो के समर्थन में हड़ताल पर चले गए हैं। शिक्षकों की हड़ताल के बावजूद शिक्षा विभाग मैट्रिक की परीक्षा ले रहा है। वहीं राज्य के विभिन्न स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य बुरी तरह से प्रभावित है।