प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिट्टी-चोखा खाने से बिहार में चढ़ा सियासी पारा,विपक्षी दलों ने साधा निशाना,बीजेपी और जेडीयू ने जवाब दिया करारा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल्ली के हुनर हाट पहुंचना,वहां लिट्टी-चोखा खाना और उसे स्वादिष्ट व्यंजन बताना विपक्षी दलों को रास नहीं रहा है। इसे बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जाने लगा है। प्रधानमंत्री ने लिट्टी-चोखे का स्वाद क्या चखा, बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। टीवी, अखबार या हो सोशल मीडिया सभी जगह ये खबर प्रमुखता से दिखाई दे रही है। राजनीतिक पंडित भी इसे बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल्ली के हुनर हाट पहुंचना,वहां लिट्टी-चोखा खाना और उसे स्वादिष्ट व्यंजन बताना विपक्षी दलों को रास नहीं रहा है। इसे बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जाने लगा है। प्रधानमंत्री ने लिट्टी-चोखे का स्वाद क्या चखा, बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। टीवी, अखबार या हो सोशल मीडिया सभी जगह ये खबर प्रमुखता से दिखाई दे रही है।
राजनीतिक पंडित भी इसे बिहार विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। वह इसे भारतीय जनता पार्टी की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं। प्रधानमंत्री के इस लिट्टी-चोखे के स्वाद ने बिहार में विरोधियों को उनपर तंज कसने का मौका दे दिया है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि प्रसिद्ध और स्वादिष्ट बिहारी खाना पसंद करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद! क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नहीं पूछ सकते, इसलिए मैं आपका ध्यान बिहार की उन जायज मांगों की ओर ले जाना चाहता हूं, जो काफी लंबे समय से लंबित हैं। विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज, बाढ़ राहत कोष और "आयुष्मान भारत" का फंड।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बड़े बेटे और तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने भोजपुरी में एक ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला किया। पूर्व मंत्री तेजप्रताप ने लिखा, "कतनो खईबऽ लिट्टी चोखा, बिहार ना भुली राउर धोखा..!" यानी कि कितना भी लिट्टी चोखा आप खाएंगे पर जो आपने धोखा किया है उसे बिहार की जनता नहीं भुलेगी।
पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने नरेंद्र मोदी को ड्रामा किंग ऑफ द सेंचुरी करार दिया। पप्पू ने कहा,"इनका एजेंडा है- चुनाव,चुनाव और बस चुनाव। बिहारी पॉलिटिकली सबसे जागरूक हैं,लिट्टी-चोखा का चुनावी धोखा समझने में तनिक देर नहीं किया। इनकी प्लेट में चमकी बुखार से मरे 300 बच्चों का अस्थि पंजर है।अपने पापा को गला दबा देने को कहने वाले बनारसी बच्चों का खून है।"
प्रधानमंत्री के लिट्टी-चोखा खाने पर विपक्षी दल इतने सवाल खड़े कर रहे हैं,तो सत्तापक्ष उनके लिट्टी चोखा खाये जाने को लेकर काफी उत्साहित दिख रहा है। बिहार में बीजेपी की सहयोगी और नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने इसे बिहार की अस्मिता से जोड़ दिया है। जेडीयू ने कहा कि हम बिहारियों के स्वादिष्ट व्यंजन को प्रधानमंत्री ने सम्मान दिया है। बीजेपी भी इस से गदगद नजर आ रही है। प्रधानमंत्री के लिट्टी चोखा खाने वाले फोटो बिहार की लगभग सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है।
आपको बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से आयोजित ‘हुनर हाट’ में बुधवार को अचानक पहुंचे, वहां लिट्टी-चोखा खाया और कुल्हड़ की चाय पी। भुगतान भी उन्होंने खुद किया। प्रधानमंत्री ने ‘हुनर हाट’ में मौजूद एक स्टॉल पर रुककर लिट्टी-चोखा खाया,जिसके लिए उन्होंने 120 रुपये का भुगतान किया।
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