लालू के दिल्ली प्रवास पर सियासतः जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने 'नॉन रेजिडेंट बिहारी' बताया, साइबेरिन पक्षी से की तुलना

लालू के दिल्ली प्रवास पर सियासतः जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने 'नॉन रेजिडेंट बिहारी' बताया, साइबेरिन पक्षी से की तुलना

राजद प्रमुख लालू यादव के दिल्ली प्रवास पर भी सियासत शुरू हो गई है। जदयू अध्यक्ष ने उपचुनाव का रिजल्ट आते ही लालू के बिहार से दिल्ली रवाना होने पर निशाना साधा। उन्हें नॉन रेजिडंट बिहारी बताया। लालू बुधवार की शाम परिवार के साथ दिल्ली रवाना हो गए। हालांकि लालू ने पटना एयरपोर्ट पर मीडिया को बताया कि तबीयत बिगड़ने के कारण वह अचानक दिल्ली लौट रहे हैं। एक चैनल से बातचीत में लालू फैमिली पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने जोरदार हमला करते हुए कहा कि इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है। यह होना ही था। वो लोग बिहार में कब रहते हैं। ललन सिंह ने कहा कि बाढ़ आता है तब भी वो बिहार से बाहर रहते हैं, कोरोना महामारी में भी लालू फैमिली दिल्ली में दुबकी थी। ललन ने कहा कि चुनाव आया तो प्रचार करने आए और चुनाव खत्म हुआ, हार गए तो दिल्ली चले गए।

ललन सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा कि लालू फैमिली नॉनरेजिडेंट बिहारी यानी NRB है। माल बनाना ही लालू फैमिली का काम है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पूरे बिहार की चिंता करते हैं तो लालू यादव अपने घर भरने की चिंता करते हैं। ललन सिंह ने लालू फैमिली की तुलना साइबेरियन पक्षी से करते हुए कहा कि ठंड के मौसम में जिस तरह साइबेरियन पक्षी भारत आते हैं और ठंड समाप्त होते ही वहां से चले जाते हैं उसी तरीके से लालू फैमिली है। लालू यादव और तेजस्वी यादव को ना तो बिहार से प्रेम है और ना ही बिहार के विकास से प्रेम है। उन दोनों को तो बिहार के लोगों से भी प्रेम नही है। ललन सिंह ने कहा कि उन लोगों को सत्ता सुख चाहिए। सिर्फ किसी तरीके से सत्ता में आना चाहते हैं और माल बनाने का कोई कार्यक्रम हो जाए इसी पर ध्यान रहता है लेकिन नीतीश कुमार बिहार को कैसे विकसित किया जाए इस पर ध्यान देते हैं। 

जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि लालू यादव ने कभी सोचा नहीं होगा कि बिहार का बजट 2 लाख 18 हज़ार करोड़ का होगा, यह नीतीश कुमार की सरकार बनी तभी संभव हुआ है। लालू फैमिली का एक ही काम है माल बनाना। सत्ता सुख प्राप्त करने के लिए लालू यादव और तेजस्वी यादव चुनाव प्रचार में जाते हैं लेकिन जनता ने अपना फैसला सुना दिया उनके पास कोई काम नहीं है तो दिल्ली चले गए। ललन ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में वो दोनों पिता-पुत्र बिहार में रहना ही नहीं चाहते हैं।