बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने छोड़ दी है पतवार, राष्ट्रीय जनता दल से अलग गठबंधन होगा तैयार!
बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही बचे हैं, लेकिन तमाम राजनीतिक दलों के नेता अब जोड़-तोड़ की सियासत में लग गए हैं। चुनाव से पहले सियासत अपने चरम पर दिख रही है। एक तरफ जहां एनडीए अपने कार्यक्रम तय कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के भीतर घमासान मचा हुआ है। महागठबंधन का हि्स्सा रहे हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने 25 तारीख के बाद अलग रुख अपना लेने का एलान कर दिया है। आजेडी ने अभी इसपर चुप्पी साध रखी है।
बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही बचे हैं, लेकिन तमाम राजनीतिक दलों के नेता अब जोड़-तोड़ की सियासत में लग गए हैं। चुनाव से पहले सियासत अपने चरम पर दिख रही है। एक तरफ जहां एनडीए अपने कार्यक्रम तय कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के भीतर घमासान मचा हुआ है। महागठबंधन का हि्स्सा रहे हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने 25 तारीख के बाद अलग रुख अपना लेने का एलान कर दिया है।
बिहार में महागठबंधन को नया फार्मूला देते हुए दूसरा गठबंधन तैयार करने की बात कहकर मांझी ने राष्ट्रीय जनता दल को सकते में डाल दिया है। मांझी ने ऐलान करते हुए कहा कि 25 जून तक अगर आरजेडी समन्वय समिति बनाने की बात पर सहमत नहीं होती है तो उसके बाद बिना राजद के ही एक अलग गठबंधन तैयार होगा। जीतन राम मांझी ने नए गठबंधन की बात करते हुए बताया कि वे 2019 से समन्वय समिति बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने बताया कि गठबंधन के अंदर पांच में से चार दल समन्वय समिति बनाए जाने को लेकर सहमत हैं, जबकि इकलौती आरजेडी इसपर कोई बात नहीं करना चाहती है।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतम राम मांझी ने कहा कि हमारी पार्टी के अलावा उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी, मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी भी हमारे साथ है। इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कहा कि हमारे इस नए गठबंधन में कांग्रेस को भी लेने के बात होगी।
मांझी ने सीट बंटवारे पर भी आरजेडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि हर बार के चुनाव में अंतिम दिनों में सीटों का फैसला होता है। जिसके कारण उम्मीदवार ठीक से तैयारी नहीं कर पाते इसलिए इस बार पहले से सब कुछ तैयार कर लेना जरूरी है। हालांकि, जीतन राम मांझी ने साथ में यह भी कहा अगर आरजेडी बात मान लेती है तो फिर कोई दिक्कत नहीं, वर्ना हम उनके बिना भी अब फैसला लेने को तैयार हैं ।
जीतन राम मांझी के अलग गठबंधन बनाने की बात पर पलटवार करते हुए आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने मांझी को उनके बेटे को एमएलसी बनाने की बात याद दिलाई और पूछा कि अगर आपस में समन्वय नहीं होता तो फिर आपके पुत्र को राजद अपने कोटे से एमएलसी कैसे बनाती? मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिना आरजेडी के कोई गठबंधन तैयार करने की बात सिर्फ मांझी का सपना है। अगर ऐसी बात कोई सोचता है तो गठबंधन को नुकसान पहुंचाकर एनडीए को फायदा पहुंचाना चाहता है।
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