PM Modi All party Meeting : पीएम मोदी बोले, भारत माता को चुनौती देने वालों को सैनिकों ने सबक सिखाया
शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सब एक हैं। यह भावना है। हम आपके साथ हैं, पीएम हम अपने सुरक्षा बलों और उनके परिवारों के साथ हैं। भारत शांति चाहता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। चीन का स्वभाव विश्वासघात का है। भारत मजबूत है, मजबूर नहीं। हमारी सरकार में इतनी क्षमता है कि आंखें निकालकर हाथ में दे दे।
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी विवाद बढ़ गया है। 15-16 जून की रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवानों के शहीद होने पर देश के लोगों में भारी गुस्सा है।एम मोदी ने कहा, ऐसे में हमने जहां एक तरफ सेना को अपने स्तर पर उचित कदम उठाने की छूट दी है, वहीं दूसरी तरफ डिप्लोमैटिक माध्यमों से भी चीन को अपनी बात दो टूक स्पष्ट कर दी है। मैं आपको भी आश्वस्त कर रहा हूं कि हमारी सेना देश की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। तैैनाती हो, ऐक्शन हो, काउंटर ऐक्शन हो, जल-थल-नभ में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वो कर रही है। आप सभी ने इस बैठक के लिए अपना समय दिया, अपने मूल्यवान सुझाव दिए इसके लिए मैं सभी दलों का , आप सभी नेतृत्व गण का हृदय से बहुत बहुत बहतु आभार व्यक्त करता हूं।
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पीएम मोदी ने कहा, मैं आप सभी को, सभी राजनीतिक दलों को फिर से ये आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेनाएं, सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। हमने उन्हें यथोचित कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी हुई है। बेहतर हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर से एक मदद ये भी मिली है कि हमारे जवान, जो उस कठिन परिस्थिति में वहां तैनात रहते हैं, उन्हें साजो-सामान पहुंचाने में, आसानी हुई है। साथियों, राष्ट्रहित, देशवासियों का हित हमेशा हम सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए, बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट को प्राथमिकता दी है। हमारी सेनाओं की दूसरी आवश्यकताओं, जैसे फाइटर प्लेन्स, आधुनिक हेलिकॉप्टर, मिसाइल डिफेंस सिस्टम आदि पर भी हमने बहुत बल दिया है।
पीएम मोदी ने कहा, इस कारण जिन क्षेत्रों पर पहले बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भी हमारे जवान अच्छी तरह से मॉनिटर कर पा रहे हैं। अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता-टोकता नहीं था, अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते हैं, टोकते हैं तो तनाव बढ़ता है। निश्चित तौर पर, चीन द्वारा एलएसी पर जो किया गया है, उससे पूरा देश आहत है, आक्रोशित है। ये भावना हमारी इस चर्चा के दौरान भी आप सबके माध्यम से बार-बार दिखाई दी है। चाहे ट्रेड हो, कनेक्टिविटी हो, काउंटर टेरेरिज्म हो, भारत ने कभी किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जो भी ज़रूरी कार्य हैं, जो भी जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण है, उसे इसी तरह तेज गति से आगे भी किया जाता रहेगा।
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