खालिस्तान के समर्थन में पंजाब विधानसभा में पारित करेंगे प्रस्ताव,केजरीवाल के खास राघव चड्ढा का वादा
पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) की ऐतिहासिक जीत के अभी 24 घंटे भी नहीं बीते हैं कि अब प्रतिबंधित चरमपंथी खालिस्तानी आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने राघव चड्ढा को लेकर सनसनीखेज दावा किया है। एक लेटर जारी कर आम आदमी पार्टी ने पंजाब में जीत हासिल करने के लिए खालिस्तान समर्थक वोटों और खालिस्तान समर्थक फंड का इस्तेमाल किया था। एसएफजे के मुताबिक, इन फंड्स में खालिस्तान का समर्थन करने वाले लोगों से की गई विदेशी फंडिंग भी शामिल है।
पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) की ऐतिहासिक जीत के अभी 24 घंटे भी नहीं बीते हैं कि अब प्रतिबंधित चरमपंथी खालिस्तानी आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने राघव चड्ढा को लेकर सनसनीखेज दावा किया है। एक लेटर जारी कर आम आदमी पार्टी ने पंजाब में जीत हासिल करने के लिए खालिस्तान समर्थक वोटों और खालिस्तान समर्थक फंड का इस्तेमाल किया था। एसएफजे के मुताबिक, इन फंड्स में खालिस्तान का समर्थन करने वाले लोगों से की गई विदेशी फंडिंग भी शामिल है।
एसएफजे द्वारा जारी पत्र में एक बड़ा दावा किया गया है। आतंकी संगठन के पत्र में ये आरोप लगाए गए हैं कि 17 फरवरी 2022 को AAP ने उसके नाम से एक फर्जी पत्र जारी कर दावा किया था कि सिफ फॉर जस्टिस पंजाब के विधानसभा चुनाव में AAP का समर्थन कर रहा है। बता दें कि बाद में एक वीडियो जारी कर एसएफजे के प्रमुख गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने आप के इस दावे को खारिज किया था।
अपने लेटेस्ट पत्र में खालिस्तानी संगठन ने द्वावा किया है कि 18 फरवरी को जब उसने इस फर्जी लेटर का खंडन किया था, तो उसके बाद आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा के रूप में पहचाने जाने वाले एक व्यक्ति ने एसएफजे को फोन कर उससे फर्जी पत्र की जिम्मेदारी लेने को कहा था। इसके अलावा राघव चड्ढा के तौर पर पहचाने गए व्यक्ति ने इसके लिए न केवल पैसे देने की बात की, बल्कि उसने ये भी वादा किया था कि अगर आम आदमी पार्टी सत्ता में आती है तो वे खालिस्तान जनमत संग्रह के समर्थन में पंजाब विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करेंगे।
गौरतलब है कि सिख फॉर जस्टिस प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन है, जो कि हमेशा भारत को तोड़ने वाली गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है। इस संगठन का कर्ता-धर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू है। इसे भारत में खालिस्तानी अलगाववादी कार्यों के कारण बैन किया गया है। इसका एकमात्र लक्ष्य पंजाब में ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ करवाकर पंजाब को भारत से अलग करने का है।
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