चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,पूछा-तमाम दावों बावजूद विकास के मामले में 22वें स्थान पर क्यों है बिहार?

देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के तमाम विकास के दावों के बावजूद हकीकत ये है कि सबसे ज्यादा गरीब आज भी बिहार में ही बसते हैं। 2005 में भी बिहार देश का सबसे गरीब राज्य था और आज भी सबसे गरीब राज्य है, जो विकास के मामले में 22वें स्थान पर है।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,पूछा-तमाम दावों बावजूद विकास के मामले में 22वें स्थान पर क्यों है बिहार?
GFX Bihar CM Nitish Kumar and Prashant Kishore
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,पूछा-तमाम दावों बावजूद विकास के मामले में 22वें स्थान पर क्यों है बिहार?
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,पूछा-तमाम दावों बावजूद विकास के मामले में 22वें स्थान पर क्यों है बिहार?
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,पूछा-तमाम दावों बावजूद विकास के मामले में 22वें स्थान पर क्यों है बिहार?
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,पूछा-तमाम दावों बावजूद विकास के मामले में 22वें स्थान पर क्यों है बिहार?
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,पूछा-तमाम दावों बावजूद विकास के मामले में 22वें स्थान पर क्यों है बिहार?
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,पूछा-तमाम दावों बावजूद विकास के मामले में 22वें स्थान पर क्यों है बिहार?
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,पूछा-तमाम दावों बावजूद विकास के मामले में 22वें स्थान पर क्यों है बिहार?

देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। पटना में एक संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आज भी सबसे ज्यादा गरीब लोग बिहार में ही है। नीतीश कुमार के तमाम विकास के दावों के बावजूद हकीकत ये है कि सबसे ज्यादा गरीब आज भी बिहार में ही बसते हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 15 साल में भले ही बिहार का विकास हुआ हो,लेकिन विकास की गति ऐसी नहीं रही,जिससे आमूल-चूल परिवर्तन हुआ हो। लिहाजा, 2005 में भी बिहार देश का सबसे गरीब राज्य था और आज भी सबसे गरीब राज्य है, जो विकास के मामले में 22वें स्थान पर है।

प्रशांत किशोर ने कहा,’ नीतीश कुमार तेरह साल मुख्यमंत्री रहें या पंद्रह साल रहें, क्या फर्क पड़ेगा? नीतीश कुमार के लिए सवाल ये है कि आप गांधी और गोड्से को लेकर एक साथ कैसे चल सकते हैं? नीतीश कुमार गोडसे की विचारधारा वाले लोगों के साथ हैं,जबकि वे कहते हैं कि वे गांधी, लोहिया और जेपी को मानते हैं। सवालिया तहज में प्रशांत किशोर ने कहा कि आखिर आप बिहार को लीड करना चाहते हैं या फिर पिछलग्गू बनकर कुर्सी पर बने रहना?

प्रशांत किशोर ने कहा,’नीतीश जी से मेरा संबंध विशुद्ध राजनीतिक नहीं रहा है। 2015 में जब हम मिले, उसके बाद से नीतीश जी ने मुझे बेटे की तरह ही रखा है। जब मैं दल में था तब भी और नहीं था तब भी। नीतीश कुमार मेरे पिता तुल्य ही हैं। उन्होंने जो भी फैसला लिया, मैं सहृदय स्वीकार करता हूं। जितना नीतीश जी को मैं जानता हूं, वो हमेशा कहते रहे हैं कि वे गांधी, जेपी और लोहिया की बातों को नहीं छोड़ सकते। मेरे मन में दुविधा रही है कि जब नीतीश जी गांधी के विचारों पर आवाज उठा रहे हैं तो फिर उसी समय में गोडसे की विचारधारा वाले लोगों के साथ कैसे खड़े हो सकते हैं। गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते।

प्रशांत किशोर ने कहा कि गांधी और गोडसे की विचारधारा को लेकर हम दोनों में मतभेद रहा है। हम दोनों के बीच मतभेद की पहली वजह रही है कि गांधी और गोडसे की विचारधारा। नीतीश कुमार गोडसे की विचारधारा वाले लोगों के साथ हैं। दूसरी वजह रही है कि जिस बीजेपी के साथ 2004 के बाद से रहे हैं और आज जिस तरह से रहे हैं। उसमें जमीन आसमान का फर्क हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर आपके झुकने से भी बिहार का विकास हो रहा है,तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। क्या बिहार की इतनी तरक्की हो गई, जिसकी आकांक्षा यहां के लोगों की है। क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्ज मिल गया? प्रशांत किशोर ने कहा कि पटना यूनिवर्सिटी में नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर विनती की थी, मगर केंद्र सरकार ने आज तक विशेष राज्य के दर्जे की बात नहीं सुनी।

प्रशांत किशोर ने कहा कि जहां तक बिहार के विकास की बात है मैं जब भी उनके साथ था तब भी यह भी मानता था कि बिहार में उनके राज में विकास हुआ है। मैं इसे आज भी नहीं झूठला सकता। उनके 15 साल के राज में बिहार में खूब विकास हुआ है। मगर क्या आज के मानकों पर खरा उतरता है यह विकास?

प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके,उन्होंने आगे कहा कि बिहार की स्थिति आज भी अन्य राज्यों के मुकाबले पुरानी ही है। नीतीश जी ने साइकिल बांटी, पोशाक भी दिए, लेकिन अच्छी शिक्षा नहीं दे पाए। शिक्षा के मामले में बिहार आज भी नीचले स्तर का राज्य है। बिहार सरकार राज्य के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाई है।

प्रशांत कुशोर ने कहा कि पिछले दस साल में बिजली हर घर में पहुंची है,लेकिन हाउसहोल्ड के स्तर पर बिजली उपभोग में बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। नीतीश कुमार लालू राज से तुलना कर अपने विकास का गुनगान करवा रहे हैं। मगर मैं पूछता हूं कि वे हरियाणा और गुजरात के विकास से तुलना क्यों नहीं करते? क्यों 2005 की तुलना कर रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि दिल्ली में 40 से ज्यादा लोग जलकर मर गए। ज्यादातर लोग बिहार और उत्तर प्रदेश के थे। अगर 15 साल में खूब तरक्की हुई है,तो फिर बिहार के लोग वहां जाकर क्यों मर रहे हैं। किसी का पिछलग्गु बना नेतृत्व बिहार की स्थिति नहीं बदल सकता। लोग ये सुनकर थक गए हैं कि लालू राज में ये खराब था,वो खराब था, अब लोग ये देखना चाहते हैं कि आपने अन्य राज्यों के मुकाबले क्या किया और कैसा है अपना बिहार?

प्रशांत किशोर से नीतीश कुमार से भी आह्वान किया कि आप आगे आइए। अगर आप बिहार के हर आदमी को बताएंगे कि अगले दस साल में कैसे प्रति व्यक्ति आय बढ़ाएंगे? कैसे बिहार का विकास करेंगे? बिहार के लोगों का जीवन आयु कैसे बढ़ाएंगे? अगर वे बिहार के लिए ऐसा वह ब्लूप्रिंट लेकर आते हैं तो आपको सब सपोर्ट करेंगे।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग यह जानना चाहते हैं कि जो आपने किया वो ठीक है,लेकिन अगले दस साल के लिए क्या एजेंडा है। आज बिहार के लोग सूरत में काम करने जाते हैं,लेकिन ऐसा दिन भी तो आए कि वहां से भी लोग यहां पर आकर करें। बिहार का विकास पिछलग्गू बनने से नहीं होगा।

बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन को समर्थन देने की अटकलों को खारिज करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कहा,’ मैं बिहार में चुनाव लड़ने-लड़ाने के लिए नहीं बैठा हूं। मैं सच्चाई के लिए आखिरी सांस तक लड़ूंगा। बिहार में वह राजनीति खड़ा हो इसके लिए मैं नया कार्यक्रम- बात बिहार की’ शुरू करने जा रहा हूं। जिसके तहत बिहार के 8800 पंचायतों में से लोगों को चिन्हित किया जाएगा। बिहार को देश के दस विकसित राज्यों में शामिल होना होगा। मैं किसी राजनीतिक पार्टी को बनाने नहीं जा रहा हूं। किसी राजनीतिक दल बनाने में दिलचस्पी नहीं है।‘

प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक जीवित हूं बिहार के लिए समर्पित हूं। चाहे जितना दिन लगे। हम बिहार के गांव-गांव जाकर ऐसे लड़कों को जोड़ेंगे,जो बिहार को बदलना चाहते हैं। दो साल पहले अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की है। मैं ऐसे यंग लड़कों को जोड़ना चाहता हूं, जो राजनीति में आने का सपना देख रहे हैं। मैं चाहता हूं कि ऐसे युवाओं को जोड़ूं जो अच्छे मुखिया बनकर आएं।