शिवसेना को सीएम पद से कम कुछ भी स्वीकार नहीं,उद्धव ठाकरे ने नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में लिया फैसला, सभी विधायकों ने एक स्वर में किया समर्थन
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर से साफ कर दिया कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री पद की मांग पीछे नहीं हटेगी। उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को स्पष्ट संदेश दिया कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद से कम कुछ भी स्वीकार नहीं। साथ ही यह भी सवाल किया कि आखिर बीजेपी ने 15 दिन का समय क्यों बर्बाद किया।
महाराष्ट्र में लाख प्रयासों के बावजूद बीजेपी और शिवसेना के बीच बात बनती नहीं दिख रही है। विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के 16वें दिन भी सत्ता की तस्वीर साफ नहीं है। सरकार गठन और अन्य मसले पर चर्चा के लिए शिवेसना प्रमुख उद्धव ठाकरे की गुरुवार को नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक की। इसके बाद पार्टी ने कहा कि उद्धव ठाकरे जो तय करेंगे, वह फैसला सभी विधायकों को मंजूर होगा।
बैठक के दौरान शिवसेना प्रमुख ने एक बार फिर से साफ कर दिया कि उनकी पार्टी मुख्यमंत्री पद की मांग पीछे नहीं हटेगी। उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को स्पष्ट संदेश दिया कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद से कम कुछ भी स्वीकार नहीं। साथ ही यह भी सवाल किया कि आखिर बीजेपी ने 15 दिन का समय क्यों बर्बाद किया।
उद्धव ठाकरे ने मातोश्री से तीन किलोमीटर की दूरी पर बांद्रा होटल में विधायकों के साथ बैठक की और शिवसेना का स्टैंड स्पष्ट कर दिया। शिवसेना की यह बैठक उस अटकलों के बाद आई है, जिसमें कहा जा रहा है कि बीजेपी उसके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। बीजेपी ने गुरुवार को दोपहर में राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मुलाकात की और राज्य के हालातों से अवगत कराया। साथ ही यह भी कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने शिवसेना और बीजेपी गठबंधन को जनादेश दिया है।
दरअसल, महाराष्ट्र की पिछली विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है। तब तक नई सरकार का गठन जरूरी है। इसी वजह से शनिवार तक का वक्त महाराष्ट्र की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन शिवसेना मुख्यमंत्री पद पर 50:50 फॉर्मूला पर अड़ी हुई है। शिवसेना कि मांग है कि बीजेपी इसी फॉर्मूले पर एकसाथ चुनाव लड़ने के लिए राजी हुई थी और दोनों पार्टियों के बीच यह पद साझा किया जाना चाहिए, जबकि बीजेपी मुख्यमंत्री पद पर किसी से कोई समझौता नहीं करना चाहती है।
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के हाल ही में घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी 145 सीटों के बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई। लिहाजा, सरकार गठन में देर हो रही है। चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत हासिल हुई है। गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को कुल मिलाकर 161 सीटें मिली हैं।
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