केंद्र सरकार ने पैन को आधार से लिंक करने और आयकर रिटर्न दाखिल की समयसीमा बढ़ाई, जानिए, अब इन कार्यों के लिए आपको कितना मिलेगा समय? 

केंद्र सरकार की नोटिफिकेशन के मुताबिक आयकरदाता वित्त वर्ष 2018-19 का विलंबित या संशोधित रिटर्न अब 31 जुलाई 2020 तक दाखिल कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक करने की समयसीमा को 31 मार्च, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है।

केंद्र सरकार ने पैन को आधार से लिंक करने और आयकर रिटर्न दाखिल की समयसीमा बढ़ाई, जानिए, अब इन कार्यों के लिए आपको कितना मिलेगा समय? 
GFX Income Tax, Aadhr and PAN
केंद्र सरकार ने पैन को आधार से लिंक करने और आयकर रिटर्न दाखिल की समयसीमा बढ़ाई, जानिए, अब इन कार्यों के लिए आपको कितना मिलेगा समय? 

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रत्यक्ष कर से संबंधित विभिन्न डेडलाइन को एक बार फिर बढ़ाने का फैसला किया है। कोरोना महामारी की वजह से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक सरकार ने पैन कार्ड को आधार से लिंक करने, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए निवेश की समयसीमा और कंपनियों के लिए फॉर्म 16 जारी करने की समयसीमा को एक बार फिर से बढ़ा दिया गया है।

नोटिफिकेशन के मुताबिक आयकरदाता वित्त वर्ष 2018-19 का विलंबित या संशोधित रिटर्न अब 31 जुलाई 2020 तक दाखिल कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक करने की समयसीमा को 31 मार्च, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से जारी अधिसूचना में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए टैक्स क्लेम के लिए निवेश करने की समयसीमा को भी 31 जुलाई, 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इससे पहले सरकार ने आयकर में छूट प्राप्त करने के लिए निवेश की अंतिम समयसीमा 30 जून तय की थी। सरकार वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को पहले ही 30 नवंबर, 2020 तक के लिए बढ़ा चुकी है।

देश के छोटे एवं मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार ने एक लाख रुपये तक का सेल्फ एसेसमेंट टैक्स जमा करने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दिया है। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि एक लाख रुपये से अधिक कर जवाबदेही वाले करदाताओं के लिए सेल्फ एसेसमेंट टैक्स जमा करने की समयसीमा को नहीं बढ़ाया गया है। एक लाख से अधिक का सेल्फ एसेसमेंट टैक्स निर्धारित तारीख तक ही जमा करना होगा और देरी से भुगतान करने पर ब्याज देय होगा।