इस राज्य में तेजी से घट रही है आबादी, मुख्यमंत्री ने जताई चिंता; लोगों से की यह अपील

देश के सिक्किम राज्य की जनसंख्या में गिरावट जारी है और इसे लेकर मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की है। मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार साल 1998 से राज्य की जनसंख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। तमांग ने कहा, 'प्रजनन दर में कमी आने से हमारी आबादी तेजी से कम हो रही है।

इस राज्य में तेजी से घट रही है आबादी, मुख्यमंत्री ने जताई चिंता; लोगों से की यह अपील

देश के सिक्किम राज्य की जनसंख्या में गिरावट जारी है और इसे लेकर मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की है। मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार साल 1998 से राज्य की जनसंख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। तमांग ने कहा, 'प्रजनन दर में कमी आने से हमारी आबादी तेजी से कम हो रही है। राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 1998-99 में प्रजनन दर 2.5 प्रतिशत थी, जबकि 2005-06 में यह 2.1 प्रतिशत रह गई और 2015-16 में cm1.2 प्रतिशत की गिरावट हुई। इसके बाद 2019-20 में यह घटकर 1.1 प्रतिशत रह गई। तमांग ने कहा कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) तकनीक की मदद से दंपतियों को संतान उत्पत्ति में मदद मिल सकेगी। 

सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) आईवीएफ का केंद्र है। उन्होंने लोगों से इस तकनीक को अपनाने की अपील की ताकि प्रजनन दर में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि इस तकनीक को अपनाने से जनसंख्या को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। राज्य में प्रजनन दर में कमी होने से जनसंख्या दर में कमी आई है, पर ऐसा क्यों हो रहा है इसका पता नहीं चल पाया।' उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि युवाओं में अपने करियर को लेकर देर से शादी करना, खराब आर्थिक स्थिति, पति और पत्नी दोनों का अपने करियर को आगे बढ़ाना आदि जनसंख्या दर में कमी के कारण हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उन लोगों की हर तरह से मदद करेगी जो अपना परिवार बढ़ाना चाहते हैं। वात्सल्य अभियान के तहत प्रत्येक बच्चे के लिए एक स्वस्थ और खुशहाल बचपन सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि नए बच्चे की योजना को अपनाने वाले सरकारी कर्मचारी तीन लाख रुपये के हकदार होंगे। और गैर-कामकाजी महिलाओं को तीन लाख रुपये दिए जाएंगे। तमांग ने बताया कि हर साल एक लाख रुपये मुख्यमंत्री की स्वास्थ्य सुविधा योजना से शुरुआत की जाएगी। उन्होंने,कहा, 'वीआईएफ से हमारी जनसंख्या में वृद्धि होने का अनुमान है। हम हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़ाने की ओर कदम उठा रहे हैं।'