आईए जानिए कौन है स्मृति ईरानी जिन्होंने राहुल गांधी को उनके गढ़ अमेठी में पटखनी दी

2019 के लोकसभा चुनावों में स्मृति जुबिन ईरानी ने कांग्रेस का गढ़ रही अमेठी सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पटखनी दी है। राहुल को टक्कर देने के लिए ही बीजेपी ने दांव खेला था। क्योंकि 2014 में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी थी।

आईए जानिए कौन है स्मृति ईरानी जिन्होंने राहुल गांधी को उनके गढ़ अमेठी में पटखनी दी
Smriti Irani (File Photo)

2019 के लोकसभा चुनावों में स्मृति जुबिन ईरानी ने कांग्रेस का गढ़ रही अमेठी सीट से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पटखनी दी है। राहुल को टक्कर देने के लिए ही बीजेपी ने दांव खेला था। क्योंकि 2014 में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी थी। अमेठी गांधी परिवार के प्रभाव वाली सीट माना जाता रहा है। लेकिन बीजेपी ने जनता का मूड भांप कर इस बार पूरी ताकत लगा दी। पिछली चुनाव में हार के बावजूद मोदी सरकार में स्मृति ईरानी को केंद्रीय मंत्री बनाया गया था और उन्होंने लगातार अमेठी की जनता के साथ संवाद कायम करके रखा। स्मृति ईरानी की छवि जुझारू नेता की रही है। ये पल ना सिर्फ स्मृति ईरानी बल्कि बीजेपी के लिए भी काफी महत्व रखता है।

स्मृति ईरानी का सफर 
स्मृति का जन्म 23 मार्च 1976 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता पंजाबी और मां बंगाली थीं। स्मृति तीन बहनों में सबसे बड़ी थीं इसलिए जब वह दसवीं क्लास में थीं, तभी से उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था।एक ब्यूटी प्रोडक्ट के प्रमोशन के लिए उन्हें एक दिन के 200 रुपए मिलते थे। सबसे पहली बार स्मृति चर्चा में तब आईं जब उन्होंने मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, यह प्रतियोगिता 1998 में हुई थी। हालांकि वह इसमें सफल नहीं हो पाईं लेकिन इससे उन्हें पहचान जरूर मिली। 
 
इसके बाद स्मृति मुंबई चली गईं, जहां शुरुआत में पैसे कमाने के लिए उन्होंने मैकडॉन्लड्स में काम किया। 2001 में वह पारसी व्यापारी जुबिन ईरानी के साथ शादी के बंधन में बंध गईं। ईरानी की प्रोफेशनल जिंदगी में बदलाव तब आया जब उन्हें एकता कपूर का सीरियल मिला। इस सीरियल का नाम था 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी।' इस सीरियल में स्मृति ने तुलसी का किरदार निभाया था जो घर-घर में खूब प्रचलित हुआ। इस सीरियल ने स्मृति को खूब पहचान दिलाई। 2003 में वह अभिनय छोड़कर राजनीति में आ गईं। अब उन्हें राजनीति में आए हुए करीब डेढ़ दशक बीत चुका है।

2014 के लोकसभा चुनावों में स्मृति, राहुल से करीब एक लाख वोटों से हार गई थीं। इससे पहले 2004 में स्मृति ईरानी कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ दिल्ली के चांदनी चौक से चुनाव लड़ चुकी हैं।