सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला,कर्नाटक के 17 बागी विधायक अयोग्य करार, लेकिन लड़ सकेंगे चुनाव
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि विधायकों के अयोग्यता का फैसला सही है, लेकिन वो चुनाव लड़ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस्तीफे से विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार खत्म नहीं होता है। पार्टियां अपनी सुविधा के अनुसार रणनीति बदलती हैं, जबकि नैतिकता सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पर लागू होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के बागी विधायकों पर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने उन्हें भी चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि सभी 17 बागी विधायक अयोग्य रहते हुए भी चुनाव लड़ सकेंगे। न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने इन अयोग्य घोषित विधायकों की याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी।
कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ने इन 17 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि विधायकों के अयोग्यता का फैसला सही है, लेकिन वो चुनाव लड़ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस्तीफे से विधानसभा अध्यक्ष का अधिकार खत्म नहीं होता है। पार्टियां अपनी सुविधा के अनुसार रणनीति बदलती हैं, जबकि नैतिकता सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पर लागू होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसका फैसला मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर आधारित है और यह अध्यक्ष के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करता है। कोर्ट ने कहा कि उपचुनाव में जीतने पर ये विधायक मंत्री बन सकते हैं या सार्वजनिक कार्यालय का प्रभार भी संभाल सकते हैं।
आपको बताते चलें कि कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने तक 14 असंतुष्ट विधायकों को तत्काल प्रभाव से अयोग्य करार दिया था। इसमें कांग्रेस के 11 और जेडीएस के तीन विधायक शामिल हैं।
मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद बीजेपी नेता बी एस येदियुरप्पा ने सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने। इससे पहले, कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश ने एचडी कुमारस्वामी सरकार गिरने के दो दिन बाद कार्रवाई करते हुए तीन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। अयोग्य घोषित किए जाने वाले विधायको में रमेश ए जरकीहोली, महेश कुमथल्ली और आर शंकर शामिल थे।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में एचडी कुमारस्वामी बहुमत साबित नहीं कर पाई थी। सदन में बहुमत के पक्ष में सर्फ 99 वोट ही पड़े थे, जबकि विपक्ष में 105 पड़े थे। जिसके बाद अयोग्य करार दिए गए विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हुए थे। विधायकों का कहना था कि उनकी याचिकाओं पर न्यायालय का निर्णय आने तक निर्वाचन आयोग को इन सीटों पर चुनाव नहीं कराने चाहिए।
अयोग्य घोषित विधायकों की दलील थी कि सदन की सदस्यता से त्यागपत्र देना उनका अधिकार है और अध्यक्ष का निर्णय दुर्भावनापूर्ण है और इससे प्रतिशोध झलकता है। इन विधायकों में से अनेक ने सदन की सदस्यता से इस्तीफा देते हुए अध्यक्ष को पत्र लिखे थे।
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