"हिंदू मन का उभार" के पोस्टर बॉय है नरेंद्र मोदी

1947 में भारत का धर्म के नाम पर बंटवारा हो गया था। उसके बाद पाकिस्तान तो मुस्लिम देश बन गया लेकिन भारत धर्मनिरपेक्ष देश बना। लेकिन भारत में 2014 तक हिंदुत्व का वो उभार नहीं हो पाया जो बीते 5 सालों में देखने को मिला। 2014 से हिंदुत्व में जबरदस्त उभार आया। मोदी के नेतृत्व में ऐसी लहर चली की विपक्ष का तो एक तरह से सफाया ही हो गया। लेकिन 2014 की लहर 2019 में सुनामी बन गयी

Narendra Modi (File Photo)

1947 में भारत का धर्म के नाम पर बंटवारा हो गया था। उसके बाद पाकिस्तान तो मुस्लिम देश बन गया लेकिन भारत धर्मनिरपेक्ष देश बना। लेकिन भारत में 2014 तक हिंदुत्व का वो उभार नहीं हो पाया जो बीते 5 सालों में देखने को मिला। 2014 से हिंदुत्व में जबरदस्त उभार आया। मोदी के नेतृत्व में ऐसी लहर चली की विपक्ष का तो एक तरह से सफाया ही हो गया। लेकिन 2014 की लहर 2019 में सुनामी बन गयी और बीजेपी अपने दम पर 300 के करिश्माई आंकड़ा को पार कर गयी। 

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस की बढ़ती मुस्लिमपरस्ती के कारण हिंदुओं को मोदी के रूप में एक फरिश्ता दिखाई दिया, जिससे हिंदू एकजुट हुआ। गुजरात की कुछ घटनाओं ने मोदी की छवि प्रखर हिंदूवादी की बना दी थी। लोगों का तर्क है कि पहली बार हिंदू समाज जातियों से निकल कर एकजुट हुआ। 2019 की जीत को हिंदुत्व की जीत कहा जा सकता है। इसमें केवल ब्राह्मण, ठाकुर, बनिया ही नहीं बल्कि दलित, यादव, आदिवासी, सब ने मिल कर भाजपा को वोट किया। 

मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने से देश में मुस्लिमपरस्ती वातावरण पर अंकुश लगा। यदि मोदी प्रधानमंत्री न होते तो तीन तलाक के खिलाफ इतना कड़ा कानून नहीं बन सकता था। हज पर मिलने वाली सब्सिडी भी बंद नहीं होती। इसलिए भाजपा हिंदुत्व की तरफ लौट रही है। राम मंदिर और हिंदुत्व के एजेंडा को हवा दी गयी। भारत की जनता को मोदी में हिंदू हृदय सम्राट की छवि दिखी और तभी से जनता को लगा कि देश में हिंदुत्व का उभार होगा तो वो मोदी के हाथों ही होगा। यही कारण है कि यूपी की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथों सौंप दिया गया। परिणाम ने यह साबित कर दिया है कि आज हिंदू मोदी से खुश ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा करती है। 

हिंदुत्व कितना बड़ा एजेंडा हो गया है देश में वो इस चुनावी प्रचार के दौरान देखने को मिला। राहुल ही नहीं बल्कि प्रियंका गांधी और उनके अन्य नेता खुद को हिंदू साबित कर रहे थे। तो वास्तव में अब लगने लगा है कि देश में हिन्दुत्व का उभार में और तेजी देखने को मिलेगा जिसके लिए नरेंद्र मोदी को जनता ने दुबारा सत्ता सौंपी है।