दिल्ली पुलिस का खुलासा- 20 से 27 जनवरी तक टिकरी बॉर्डर पर था टूलकिट केस का आरोपी शांतनु

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दिल्ली पुलिस का खुलासा- 20 से 27 जनवरी तक टिकरी बॉर्डर पर था टूलकिट केस का आरोपी शांतनु

किसानों के प्रदर्शन से जुड़े टूलकिट को शेयर करने को लेकर दिल्ली पुलिस पुणे के जिस इंजीनियर शांतनु मुलुक की खोज में जुटी हुई है वह 20 से 27 जनवरी के बीच दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसानों के धरनास्थल पर मौजूद था। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को इसका खुलासा किया है। पुलिस इस मामले में पहले ही बेंगलुरु की क्लाइमेट ऐक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार कर चुकी है। 

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, शनिवार को गिरफ्तार की गईं दिशा रवि से पूछताछ के बाद पुलिस ने इस बारे में जानकारी दी है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक मामले में शांतनु मुलुक और निकिता जैकब अभी भी फरार हैं। पुलिस इन दोनों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है।

दिल्ली पुलिस की तरफ से दी गई नई जानकारी के मुताबिक, शांतनु 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई दिल्ली हिंसा के समय तक टिकरी बॉर्डर पर था लेकिन इसके बाद वह वहां से चला गया।

दिशा रवि के अलावा शांतनु और बॉम्बे हाईकोर्ट की वकील निकिता जैकब पर भारत की छवि को धूमिल करने के इरादे से किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट बनाने और इसे करने का आरोप है।

निकिता जैकब और शांतनु ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है जिसपर आज सुनवाई होनी है। निकिता ने मुंबई में याचिका दायर की है तो वहीं, शांतनु ने हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच में अर्जी दी है।

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया था कि दिशा, निकिता और शांतनु ने 11 जनवरी यानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस हिंसा से 15 दिन पहले खालिस्तान समर्थक समूह पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन की ओर से आयोजित जूम मीटिंग में हिस्सा लिया था।