साक्षात्कारः निगम उप चुनावों में 'आप' की जीत के 'मास्टर माइंड' दुर्गेश पाठक ने कहा, जब जनता जिताती है तो हर समीकरण फेल हो जाते हैं...

अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी आम आदमी पार्टी को सफलता पाने से कोई रोक नहीं सकता। यहां विपक्षियों की कोई साजिश कामयाब नहीं होगी क्योंकि जब जनता किसी को जिताने का काम करती है, तो सारे समीकरण धरे के धरे रह जाते हैं।

साक्षात्कारः निगम उप चुनावों में 'आप' की जीत के 'मास्टर माइंड' दुर्गेश पाठक ने कहा, जब जनता जिताती है तो हर समीकरण फेल हो जाते हैं...

उपचुनावों में मिली इस जीत को आप किस प्रकार देखते हैं?
सही मायनों में इस जीत की बधाई की हकदार दिल्ली की आम जनता है, जिसने एक स्वच्छ राजनीति को अवसर दिया है। इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता, जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया, और वे कार्यकर्ता जिन्होंने इस पूरे चुनाव में कड़ी मेहनत की, वे सभी इस जीत के लिए बधाई के हकदार हैं। मैं मानता हूं कि यह जीत बहुत बड़ा संकेत दे रही है। यह भाजपा के निगमों में 15 साल के कुशासन के अंत का शंखनाद है। आप देखेंगे कि जब निगमों के चुनाव होंगे, भाजपा का इसी तरह पत्ता साफ हो जाएगा।


15 साल से निगमों में शासित भाजपा की हार की क्या वजह रही हैं, किन मुद्दों ने 'आप' को जिताया?
मुझे लगता है कि इस प्रश्न का जवाब आज दिल्ली ही नहीं, देश की हर जनता के पास है। एक तरफ भाजपा ने नगर निगमों में लगातार भ्रष्टाचार किया, पूरे दिल्ली को कूड़े का ढेर बना दिया, कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया, और भ्रष्टाचार कर अपनी जेबें भरते रहे। लेकिन जब वेतन नहीं दे सके तो उसके लिए दिल्ली सरकार को दोषी ठहरा दिया। मुझे लगता है कि आज के समय में जनता इतनी समझदार हो गई है कि वह समझती है कि कौन राजनीति कर रहा है और कौन लीपापोती कर रहा है। भाजपा को अपनी उसी करनी का फल भुगतना पड़ा है और उनका सफाया हो गया।


दिल्ली सरकार के अच्छे कामों का निगम उपचुनावों में कितना लाभ हुआ?
बिल्कुल, बहुत लाभ मिला। बल्कि इस बात को इस तरह से कहिए कि दिल्ली सरकार के साफ-स्वच्छ और भ्रष्टाचार रहित शासन के आदर्श को देखकर ही जनता ने यह सोचा कि आम आदमी पार्टी को निगमों में भी लाया जाना चाहिए। आप देखिए कि नगर निगमों में आज बिना घूस दिए कोई एक भी काम नहीं करा सकता, जबकि दिल्ली सरकार की सेवाएं पूरी तरह मुफ्त हैं। कहीं कोई भ्रष्टाचार नहीं है। पचासों सेवाएं आपको ऑनलाइन मिल रही हैं जहां भ्रष्टाचार का कहीं कोई मतलब ही नहीं रह गया है। दिल्ली सरकार की बिजली, पानी, महिलाओं की बस यात्रा जैसी अनेक योजनाओं से सरकार की लोकप्रियता बढ़ी है। जनता इन्हीं कामों की वजह से हमें बार-बार अवसर दे रही है।


पार्टी को अब दिल्ली-पंजाब से बाहर गुजरात जैसे राज्यों में भी सफलता मिल रही है। इस सफलता के क्या कारण हैं?
पार्टी के शुरुआती दौर में जनता को हमारे ऊपर विश्वास नहीं था। लोग सोच ही नहीं पा रहे थे कि पार्टी जो कह रही है वह कर भी सकती है। लेकिन दिल्ली सरकार के छह सालों के शासन में जनता ने यह देख लिया है, हमारे वायदों और कामों में कोई अंतर नहीं है। मुफ्त बिजली और बेहतर शिक्षा की बात केवल हमारा चुनावी वादा नहीं था, बल्कि यह हमारा कमिटमेंट था, जिसे हमें हर हाल में पूरा करना था और लगातार इसे आगे बढ़ाना था। जनता ने देख लिया है कि हम मुफ्त बिजली केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं दे रहे हैं, बल्कि यह लगातार जारी रहने वाला है। इससे अब हमारा विश्वास बनता जा रहा है। दूसरे राज्यों में जनता सोच रही है कि जब दिल्ली सरकार ये काम कर सकती है तो उनकी सरकारें क्यों नहीं कर सकती हैं। यही कारण है कि अब जनता जहां मौका पा रही है, हमें अवसर दे रही है।


चौहान बांगर सीट पर पार्टी को मिली हार से क्या आपको लगता है कि मुस्लिम वोट एक बार फिर कांग्रेस की ओर शिफ्ट कर रहा है?
मुझे लगता है कि सिर्फ एक सीट पर मिली जीत या हार को इस तरह से नहीं देखा जा सकता। पार्षदों के चुनाव में कई बार उम्मीदवार का चेहरा ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। कांग्रेस उम्मीदवार के पिता इस क्षेत्र के पुराने नेता रहे हैं, कई हारें होने के बाद जनता में अपने पुराने नेता के प्रति एक सहानुभूति की लहर हो सकती है। लेकिन इससे यह कह देना कि कांग्रेस वापसी कर रही है, या एक वर्ग का वोट कांग्रेस की तरफ जा रहा है, मुझे लगता है कि यह सही नहीं है।


उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आप पार्टी का क्या भविष्य देखते हैं?
यह बात अब हम या हमारी पार्टी के नेता नहीं कह रहे हैं। बल्कि यह बात अब जनता कहने लगी है कि उसे भी दिल्ली की जनता की तरह साफ-स्वच्छ और भ्रष्टाचार रहित सरकार चाहिए। दिल्ली में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लोग भारी संख्या में रहते हैं, यहां नौकरी करते हैं। वे देख रहे हैं कि आम आदमी पार्टी ने किस तरह गरीब मजदूरों के बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की है, वे अपने बच्चों के लिए यही शिक्षा, यही स्वास्थ्य योजनाएं अपने प्रदेश में चाहते हैं। यही कारण है कि अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी आम आदमी पार्टी को सफलता पाने से कोई रोक नहीं सकता। यहां विपक्षियों की कोई साजिश कामयाब नहीं होगी क्योंकि जब जनता किसी को जिताने का काम करती है, तो सारे समीकरण धरे के धरे रह जाते हैं।