यूपी की 10 हजार तीन तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को जल्द मिलेगा मुख्यमंत्री की घोषणाओं का लाभ,अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने दी जानकारी

उत्तर प्रदेश की करीब 10 हजार तीन तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को मुख्यमंत्री की घोषणाओं का लाभ जल्द मिलने लगेगा। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी इस बाबत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शुरुआत में ऐसी 10 हजार महिलाओं का ब्यौरा तैयार किया गया है,जिसमें 7 हजार तीन तलाक पीड़िता महिलाएं हैं और 3 हजार अन्य धर्म की परित्यक्ता हैं।

यूपी की 10 हजार तीन तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को जल्द मिलेगा मुख्यमंत्री की घोषणाओं का लाभ,अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने दी जानकारी
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यूपी की 10 हजार तीन तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को जल्द मिलेगा मुख्यमंत्री की घोषणाओं का लाभ,अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने दी जानकारी
यूपी की 10 हजार तीन तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को जल्द मिलेगा मुख्यमंत्री की घोषणाओं का लाभ,अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने दी जानकारी

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मुस्लिम समुदाय की तीन तलाकसुदा और अन्य धर्मों की परित्यक्ता महिलाओं की मदद के प्रति ठोस कदम उठा रही है। उत्तर प्रदेश की करीब 10 हजार तीन तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को मुख्यमंत्री की घोषणाओं का लाभ जल्द मिलने लगेगा। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी इस बाबत जानकारी दी।

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने बताया कि शुरुआत में ऐसी 10 हजार महिलाओं का ब्यौरा तैयार किया गया है,जिसमें 7 हजार तीन तलाक पीड़िता महिलाएं हैं और 3 हजार अन्य धर्म की परित्यक्ता हैं। ये वो महिलाएं हैं, जिनके पति से अलग होने, स्वयं और बच्चों के भरण पोषण के लिए गुजारे भत्ते, घरेलू हिंसा आदि के मुकदमे चल रहे हैं या फिर महिला कल्याण निदेशालय में इनके प्रकरण दर्ज हैं।

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन महिलाओं को नि:शुल्क आवास, नि:शुल्क कानूनी मदद, 6 हजार रुपये सालाना की पेंशन, बच्चों की शिक्षा और रोजगार आदि के बाबत कई घोषणाएं की हैं। लिहाजा, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं के अनुपालन के लिए कार्य योजना तैयार कर चुका है। कैबिनेट प्रस्ताव बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है।

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने बताया कि विभाग की ओर से इस बारे में एक प्रस्तुतीकरण तैयार किया गया, जिसे मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलने के बाद लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। पिछले दिनों इस प्रस्तुतीकरण को देखने के लिए मुख्यमंत्री की बैठक तय हुई थी लेकिन यह बैठक नहीं हो सकी थी।