जस्टिस अरविंद शरद बोबडे हो सकते हैं सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश,मौजूदा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार को सुझाया जस्टिस बोबडे का नाम

जस्टिस अरविंद शरण बोबडे इस वक्त रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई कर रही पीठ का हिस्सा हैं, इसके अलावा कई बड़े फैसलों में शामिल रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा आधार कार्ड को लेकर दिए गए आदेश में जस्टिस एस. एस. बोबडे भी शामिल थे। सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी एक टिप्पणी में कहा था कि आधार कार्ड के बिना कोई भी भारतीय मूल सुविधाओं से वंचित नहीं रह सकता है। इस पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस चेलमेश्वर और जस्टिस नागप्पन शामिल थे।

जस्टिस अरविंद शरद बोबडे हो सकते हैं सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश,मौजूदा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार को सुझाया जस्टिस बोबडे का नाम
Pic of Chief Justice of India Justice Ranjan Gogoi with Justice Arvind Sharan Bobde
जस्टिस अरविंद शरद बोबडे हो सकते हैं सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश,मौजूदा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार को सुझाया जस्टिस बोबडे का नाम
जस्टिस अरविंद शरद बोबडे हो सकते हैं सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश,मौजूदा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार को सुझाया जस्टिस बोबडे का नाम
जस्टिस अरविंद शरद बोबडे हो सकते हैं सुप्रीम कोर्ट के अगले मुख्य न्यायाधीश,मौजूदा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार को सुझाया जस्टिस बोबडे का नाम

देश की शीर्ष आदालत का अगला मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरविंद शरद बोबडे हो सकते हैं। सर्वोच्च अदालत के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने केंद्र सरकार को अगले मुख्य न्यायाधीश का नाम सुझाया है। मुख्य न्यायाधीश की ओर से जस्टिस एस.ए. बोबडे का नाम सामने आया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई अगले महीने की 17 तारीख को सेवा निवृत्त हो रहे हैं। 18 नवंबर को जस्टिस बोबडे बतौर मुख्य न्यायाधीश शपथ ले सकते हैं, मौजूदा मुख्य न्यायाधीश सिफारिश को केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू होगी।

जस्टिस अरविंद शरद बोबडे का जन्म 24 अप्रैल, 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ। नागपुर विश्वविद्यालय से बी.ए. और एल.एल.बी डिग्री ली है। 1978 में इन्होंने बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र को ज्वाइन किया। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में लॉ की प्रैक्टिस की, 1998 में वरिष्ठ वकील बने। साल 2000 में उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर एडिशनल जज पदभार ग्रहण किया। इसके बाद वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। जस्टिस बोबडे ने 2013 में सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज कमान संभाली।

गौरतलब है कि जस्टिस बोबडे इस वक्त रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई कर रही पीठ का हिस्सा हैं, इसके अलावा कई बड़े फैसलों में शामिल रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा आधार कार्ड को लेकर दिए गए आदेश में जस्टिस एस. एस. बोबडे भी शामिल थे। सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी एक टिप्पणी में कहा था कि आधार कार्ड के बिना कोई भी भारतीय मूल सुविधाओं से वंचित नहीं रह सकता है। इस पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस चेलमेश्वर और जस्टिस नागप्पन शामिल थे।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ जो यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था, उसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के ही तीन जज कर रहे थे। इस पीठ में भी जस्टिस एस. ए. बोबडे के अलावा एन वी रमन और इंदिरा बनर्जी शामिल थे। नवंबर 2016 में तीन बच्चों के द्वारा याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई थी, इस फैसले में जस्टिस एस. ए. बोबडे भी शामिल थे। इस पीठ में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर, जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस. ऐ बोबडे शामिल थे।