भारत में 2030 तक 8 करोड़ युवाओं को मिलगी नौकरी,आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार का दावा,आगामी वित्त वर्ष में विकास दर 6 से 6.5 फीसदी रहने का अनुमान

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वे में सरकार को 5 साल में 4 करोड़ रोजगार का चाइनीज फॉर्मूला दिया गया है। सर्वे में कहा गया है कि मेक इंडिया इंडिया अभियान में 'असेंबलिंग इन इंडिया फॉर वर्ल्ड' को शामिल करने से 2025 तक अच्छे वेतन वाले 4 करोड़ रोजगार और 2030 तक ऐसी 8 करोड़ नौकरियां दी जा सकती हैं।

भारत में 2030 तक 8 करोड़ युवाओं को मिलगी नौकरी,आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार का दावा,आगामी वित्त वर्ष में विकास दर 6 से 6.5 फीसदी रहने का अनुमान
GFX of Economic Survey
भारत में 2030 तक 8 करोड़ युवाओं को मिलगी नौकरी,आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार का दावा,आगामी वित्त वर्ष में विकास दर 6 से 6.5 फीसदी रहने का अनुमान
भारत में 2030 तक 8 करोड़ युवाओं को मिलगी नौकरी,आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार का दावा,आगामी वित्त वर्ष में विकास दर 6 से 6.5 फीसदी रहने का अनुमान

संसद का बजट सत्र का शुक्रवार को शुरु हो गया है। सत्र के पहले दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वे में सरकार को 5 साल में 4 करोड़ रोजगार का चाइनीज फॉर्मूला दिया गया है। सर्वे में कहा गया है कि मेक इंडिया इंडिया अभियान में 'असेंबलिंग इन इंडिया फॉर वर्ल्ड' को शामिल करने से 2025 तक अच्छे वेतन वाले 4 करोड़ रोजगार और 2030 तक ऐसी 8 करोड़ नौकरियां दी जा सकती हैं।

मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन द्वारा तैयार आर्थिक सर्वे में विकास दर को लेकर जो अनुमान लगाया गया है, उसके मुताबिक आगामी वित्त वर्ष यानी 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ बढ़कर 6-6.5 फीसदी पहुंच सकती है। चालू वित्त वर्ष यानी 2019-20 में विकास दर 5 फीसदी रहने का ही अनुमान है। यह पिछले 11 साल में सबसे कम होगी। सर्वे में यह भी कहा गया है कि ग्लोबल ग्रोथ में कमजोरी से भारत भी प्रभावित हो रहा है।

कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन के सर्वे में कहा गया कि फाइनेंशियल सेक्टर की दिक्कतों और निवेश में कमी की वजह से भी चालू वित्त वर्ष में विकास दर घटी है। लेकिन, जितनी गिरावट आनी थी आ चुकी है। अगले वित्त वर्ष से विकास दर बढ़ने की उम्मीद है। सर्वे में कहा गया है कि प्याज जैसी कमोडिटी की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए सरकार के उपाय प्रभावी साबित होते नहीं लग रहे हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार को अहम सुझाव भी दिए गए हैं। बताया गया है कि विकास दर को बढ़ावा देने के लिए चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटे के लक्ष्य से पीछे हटना पड़ सकता है। संपत्ति के वितरण से पहले संपत्ति जुटानी होती है, कारोबारियों को सम्मान की नजर से देखना चाहिए। मैन्युफैक्चरिंग में 'असेंबलिंग इन इंडिया फॉर वर्ल्ड' जैसे विचारों की जरूरत है। इससे रोजगार भी बढ़ेंगे। सर्वे में कहा गया है कि 2025 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी तक बनाने का अहम तरीका नैतिकता को ध्यान में रखकर पैसे कमाना है।

सर्वेक्षण में सरकार को निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाहों पर लालफीताशाही खत्म करने का भी सुझाव दिया गया है,जिससे कि कारोबारी माहौल आसान हो सके। व्यापार शुरू करने, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, टैक्स भुगतान और कॉन्ट्रैक्ट लागू करने के नियम को आसान किए जाने,सरकारी बैंकों के कामकाज में सुधार करने और भरोसा बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा जानकारियां सार्वजनिक करने का भी सुझाव दिया गया है।

आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि बीते साल में आर्थिक मोर्चे पर देश का क्याा हाल रहा। इसके जरिए मुख्य आर्थिक सलाहकार सरकार को सुझाव भी देते हैं, जिससे कि इकोनॉमी के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके।

आपको बताते चलें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को आम बजट पेश करेंगी। बजट में आर्थिक सर्वेक्षण के तथ्यों को ध्यान में रखा जाता है। लेकिन, यह जरूरी नहीं कि बजट में आर्थिक सर्वेक्षण का असर दिखे। बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी तक चलेगा। दूसरा चरण 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा।