मांझी के बाद सहनी ने बढ़ाई एनडीए की टेंशन, लालू से बातचीत पर बोले- इसे पर्दे में ही रहने दीजिए

मांझी के बाद सहनी ने बढ़ाई एनडीए की टेंशन, लालू से बातचीत पर बोले- इसे पर्दे में ही रहने दीजिए

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही एनडीए सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। गाहे-बगाहे सरकार की सहयोगी पार्टियां अपने रुख से इन अटकलों को हवा देते रहते हैं। हाल ही में जीतन राम मांझी ने बांका की घटना पर बीजेपी को नसीहत दी जिसपर भाजपा ने भी पलटवार किया था। अब वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने सरकार की टेंशन बढ़ाने का काम किया है।

सहनी ने बिना नाम लिए बीजेपी नेताओं को अनावश्यक बयानबाजी की बजाय जनता से किए 19 लाख के रोजगार पर काम करने की सलाह दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'एनडीए गठबंधन के साथीगणों से अनुरोध है कि अनावश्यक बयानबाजी से बचें एवं हम सब मिलकर बिहार की जनता से किए गए 19 लाख रोजगार के वादे पर काम करें।' इसके अलावा खबर है कि सहनी ने शुक्रवार को आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से फोन पर बात की है। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो एक चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि इसे पर्दे में ही रहने दीजिए। बांका की घटना पर उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। जांच एजेंसी पहले घटना की जांच कर ले फिर हमें उसपर प्रतिक्रिया देनी चाहिए।

वीआईपी नेता ने कहा कि बहुत से नेता अलग-अलग मुद्दों पर बयान दे रहे हैं जो सही नहीं है। हमने जनता से 19 लाख रोजगार देने का वादा किया है इसलिए वादे के अनुसार हमें उसपर ध्यान देना चाहिए। यदि किसी साथी को ये वादा याद नहीं है तो उन्हें इसे याद दिलाना कोई बड़ी बात नहीं है। लालू से हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इसे पर्दे के पीछे रहने दीजिए कहकर टाल दिया। वहीं सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है जिसमें जनप्रतिनिधियों को पूर्व की भांति ऐच्छिक कोष की धनराशि खर्च करने की शक्ति प्रदान किए जाने की अपील की है।

मांझी से तेजप्रताप ने की थी मुलाकात
जीतन राम मांझी से 11 जून को नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने उनके आवास पर मुलाकात की थी। तेजप्रताप ने बीते शुक्रवार को न सिर्फ मांझी से मुलाकात की बल्कि फोन पर अपने पिता और पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू यादव से उनकी बात भी कराई। इस मुलाकात और बातचीत के बारे में मांझी ने कहा था कि ये बिल्‍कुल गैर राजनीतिक और विशुद्ध पारिवारिक मामला है। राजनीति में मतभेद तो होता है लेकिन मनभेद नहीं होता। लालू यादव के परिवार से उनके व्‍यक्तिगत और पारिवारिक संबंध हैं।