बिहार की सियासत में लालू को बड़ा झटका, जगदानंद सिंह ने दिया इस्तीफा, अधिक उम्र और सेहत को बताया वजह
राष्ट्रीय जनता दल और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका लगा है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जगदानंद सिंह ने अपने इस्तीफे की वजह बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य कारणों को बताया है। उधर, जगदांनद सिंह के इस्तीफे की खबरों को पार्टी ने अफवाह बताते हुए खारिज कर दिया है। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने जगदानंद सिंह का इस्तीफा ना होने की बात कही है। गौरतलब है कि दो साल पहले पार्टी के कई नेताओं के विरोध के बावजूद लालू यादव ने जगदानंद सिंह को राजद की कमान सौंपी थी। जगदानंद सिंह को लालू परिवार का करीबी माना जाता है। इसके अलावा उनकी छवि काफी ईमानदार और कर्मठ नेता की रही है। वह रामगढ़ से एमएलए और बक्सर से सांसद रह चुके हैं। लालू सरकार में वह जल संसाधन मंत्री भी रहे।
पिछले कुछ समय से जगदानंद सिंह और लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के बीच तनातनी की खबरें आती रहती थीं। अभी चार दिन पहले राजद के स्थापना दिवस समारोह में भी तेजप्रताप ने जगदानंद सिंह पर निशाना साधा था। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान मंच से ही कहा था, 'लगता है जगदानंद अंकल हमसे नाराज चल रहे हैं, इसलिए मेरी बातों पर हाथ उठाकर समर्थन नहीं करते।' तेजप्रताप, पहले भी जगदानंद सिंह का विरोध कर चुके थे। तब जगदानंद सिंह ने इसे परिवार का मामला बताया था।
पार्टी ने किया खंडन: प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के इस्तीफे की खबरों का राजद ने खंडन किया है। पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि जगदानंद सिंह ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनके इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी जगदानंद सिंह के इस्तीफे की बात का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। उनके इस्तीफा देने का कोई सवाल नहीं है। जो भी इस्तीफे की खबर चला रही है, वो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस्तीफे की खबर का सच्चाई से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष जी रोज की तरह अपने दफ्तर में काम कर रहे हैं। वह सुबह 10 बजे दफ्तर आते हैं और शाम छह बजे वापस जाते हैं।
लालू ने मंजूर नहीं किया इस्तीफा: सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह का इस्तीफा अभी पार्टी अध्यक्ष लालू यादव ने मंजूर नहीं किया है। उन्होंने उसने पद पर बने रहने को कहा है। दरअसल, जगदानंद इधर तेजप्रताप यादव द्वारा खुद को टारगेट किए जाने से नाराज चल रहे थे। इस्तीफे के लिए उन्होंने भले स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है, लेकिन इससे संदेश यही गया है कि नाराजगी में उन्होंने यह कदम उठाया है। सूत्रों का कहना है कि लालू यादव इस पूरे मसले को बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपने पुरानी साथी जगदानंद सिंह से फिलहाल पद पर बने रहने को कहा है।
जगदानंद सिंह को कमान सौंपकर लालू ने चला था बड़ा दांव: बिहार की सियासत को अच्छे से समझने वाले बताते हैं कि जगदानंद सिंह को पार्टी की प्रदेश इकाई की कमान सौंपकर लालू यादव ने बड़ा दांव चला था। जिस वक्त जगदानंद सिंह प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे उससे कुछ समय पहले ही सवर्ण आरक्षण बिल का विरोध करने के चलते एक बड़े वर्ग में राजद को लेकर काफी नाराजगी देखने को मिल रही थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद एक भी सीट नहीं जीत सकी। रघुवंश प्रसाद सिंह समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता चुनाव हार गए थे। ऐसे में जगदानंद सिंह को पार्टी की कमान सौंपकर लालू यादव ने बड़ा दांव चला था। पार्टी सवर्णों में यह संदेश नहीं देना चाहती थी कि राजद अगड़ी जाति के खिलाफ है।
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