भारत सरकार से भगोड़ा घोषित शराब कारोबारी विजय माल्या को बड़ा झटका,लंदन की उच्च अदालत ने खारिज की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका
भारत सरकार से भगोड़ा घोषित शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन की अदालत से बड़ा झटका लगा है। इंग्लैंड और वेल्स की हाईकोर्ट ने माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया है,जिसमें उसने अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की थी। माल्या पर फर्जीवाड़ा करने और 9000 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
भारत सरकार से भगोड़ा घोषित शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन की अदालत से बड़ा झटका लगा है। इंग्लैंड और वेल्स की हाईकोर्ट ने माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया है,जिसमें उसने अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की थी। माल्या पर फर्जीवाड़ा करने और 9000 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
विजय माल्या ने इस साल फरवरी में भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ यह याचिका दायर की थी। इस अपील पर रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस की दो सदस्य वाली बेंच सुनवाई कर रही थी। इस बेंच में लॉर्ड जस्टिस स्टीफन इरविन और जस्टिस एलिजाबेथ लेइंग थे। कोरोनवायरस लॉकडाउन की वजह से उन्होंने फैसला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिया है। अब यह मामला होम सेक्रेटरी के पास चला गया है।
विजय माल्या की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों जजों ने अपने फैसले में कहा है, " पहली नजर में पता चलता है कि भारत से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जो आरोप लगाए हैं उसको ध्यान में रखते हुए कुल 7 मामलों में से यह भी एक मामला है।"
इस महीने की शुरुआत में लंदन के हाईकोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले कंसोर्शियम की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। बैंक चाहते हैं कि माल्या के खिलाफ बैंकरप्सी ऑर्डर दे दिया जाए। तब जस्टिस माइकल ब्रिग्स ने माल्या को राहत देते हुए कहा था कि जब तक भारत के सुप्रीम कोर्ट में माल्या की याचिका है उन्हें वक्त देना चाहिए।
इस बीच खबर है कि लंदन की न्यायिक प्रणाली के अनुसार विजय माल्या 14 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ अपील कर सकता है। अगर वह निर्धारित अवधि के भीतर अपील नहीं करता है,तो भारत सरकार प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू करेगा।
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