Corona Effect : कोरोना संकट के बीच रेलकर्मियों को बड़ा झटका,मंत्रालय कर रहा है वेतन-भत्ते में कटौती की तैयारी,10 से 35 फीसदी तक कटौती की सिफारिश

भारतीय रेलवे 13 लाख से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में कटौती की योजना बना रहा है। इस योजना के तहत यात्रा और महंगाई भत्ता समेत ओवरटाइम शुल्क के भत्ते को रोक दिया जाएगा। इसके अलावा रेल चालक-गार्ड को भी वो भत्ता नहीं दिया जाएगा,जो ट्रेन चलाने पर प्रति किलोमीटर के आधार पर दिया जाता है। 

Corona Effect : कोरोना संकट के बीच रेलकर्मियों को बड़ा झटका,मंत्रालय कर रहा है वेतन-भत्ते में कटौती की तैयारी,10 से 35 फीसदी तक कटौती की सिफारिश
Pic of Indian Train
Corona Effect : कोरोना संकट के बीच रेलकर्मियों को बड़ा झटका,मंत्रालय कर रहा है वेतन-भत्ते में कटौती की तैयारी,10 से 35 फीसदी तक कटौती की सिफारिश

देश इन दिनों कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है। कोरोना और लॉकडाउन का नकारात्मक असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। कोरना और लॉकडाउन की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए रेल मंत्रालय कठोर कदम उठाने जा रहा है।

रेलवे 13 लाख से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में कटौती की योजना बना रहा है। इस योजना के तहत यात्रा और महंगाई भत्ता समेत ओवरटाइम शुल्क के भत्ते को रोक दिया जाएगा। इसके अलावा रेल चालक-गार्ड को भी वो भत्ता नहीं दिया जाएगा,जो ट्रेन चलाने पर प्रति किलोमीटर के आधार पर दिया जाता है। 

वास्तव में रेल मंत्रालय पहले ही गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है। लॉकडाउन के कारण इसकी हालत और पतली हो गई है। इसे देखते हुए कर्मचारियों की ओवरटाइम ड्यूटी के लिए भत्ते में 50 फीसदी तक कटौती करने की योजना है। रेलवे को सुझाव दिया गया है कि 550 रुपये का भत्ता जो 500 किलोमीटर पर मेल एक्सप्रेस के ड्राइव-गार्ड को दिया जाता है, उसको 50 फीसदी तक काटा जाए।

बताया जा रहा है कि रेलकर्मियों के वेतन में भी छह महीने तक 10 से 35 फीसदी तक कटौती की सिफारिश की गई है। रेलवे यात्रा और रोगी देखभाल जैसे गैर-प्रैक्टिस भत्ते में 1 साल तक 50 फीसदी कमी करने पर भी विचार कर रहा है। अगर कोई कर्मचारी एक महीने के लिए काम पर नहीं आता है,तो उसके परिवहन भत्ते में 100 फीसदी की कटौती करने का सुझाव दिया गया है।

ज्ञात हो कि रेलवें ने कोरोना संक्रमितों के लिए 5000 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के बाद ग्रामीण इलाकों में इन्हें सेवा में पहुंचाए जाने की संभावना है। मंत्रालय ने कहा कि महामारी का मुकाबला करने के लिए 20000 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदलने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 80000 बेड वाले 5000 कोच तैनात किए जाने के लिए तैयार हैं।