राजद नेता की देखरेख में काटा गया पुल, पैसे लेकर अपराधियों को दिये थे संरक्षण

एसडीओ ने जर्जर पुल के अनुपयोगी होने पर मुखिया द्वारा उसे हटाने का आवेदन का लाभ उठाया. पुल हटाने के आवेदन की जानकारी अधिकतर लोगों को थी, तभी तो कटाई के समय जो भी पूछता, वहां मौजूद लोग अपने को विभाग का आदमी बताते थे.

राजद नेता की देखरेख में काटा गया पुल, पैसे लेकर अपराधियों को दिये थे संरक्षण

रोहतास के नासरीगंज प्रखंड के आदर्श ग्राम अमियावर में सोन नहर पर लोहे के पुल की चोरी करने के मामले का मास्टरमाइंड सोन नहर अवर प्रमंडल का एसडीओ राधेश्याम सिंह ही निकला. राधेश्याम की मॉनीटरिंग और राजद के प्रखंड अध्यक्ष शिवकल्याण भारद्वाज के संरक्षण में पुल के लोहे की कटाई हुई है. कटाई की देखरेख मौसमी कर्मचारी अरविंद कुमार ने की थी. तीनों की गिरफ्तारी हुई है. पुल चोरी मामले में अहम भूमिका निभाने वाला एसडीओ कैमूर जिले के कुदरा थाने के फुल्ली गांव का निवासी है, जो करीब दो वर्ष से सोन नहर अवर प्रमंडल नासरीगंज में पदस्थापित है.

जानकारों की मानें, तो एसडीओ ने जर्जर पुल के अनुपयोगी होने पर मुखिया द्वारा उसे हटाने का आवेदन का लाभ उठाया. पुल हटाने के आवेदन की जानकारी अधिकतर लोगों को थी, तभी तो कटाई के समय जो भी पूछता, वहां मौजूद लोग अपने को विभाग का आदमी बताते थे. ग्रामीण इस झांसे में आ गये. नहीं तो चोर रंगे हाथों पकड़े जाते. लोगों को झांसा देने के लिए ही एसडीओ के आदेश पर उक्त मौसमी कर्मी को ड्यूटी पर तैनात किया गया था. इसकी जानकारी मौसमी कर्मचारी अरविंद कुमार ने गिरफ्तारी के बाद साझा की. उसने बताया कि एसडीओ ने निर्देश दिया था कि कोई भी पूछे, तो बताना है कि विभाग के निर्देश पर कार्य हो रहा है.

अपराधियों को संरक्षण देने के लिए लिये थे पैसे:

अमियावर लोहे के पुल की कटाई में लगे अपराधियों को संरक्षण देने के लिए नासरीगंज प्रखंड के राजद प्रखंड अध्यक्ष शिवकल्याण भारद्वाज ने 10 हजार रुपये लिये थे. इसका खुलासा एसपी आशीष भारती ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि उसके पास से 3100 रुपये नकद बरामद किये गये हैं. संरक्षण के नाम पर मिले रुपये के एवज में उसने अपराधियों को लोहा चोरी करने में किसी तरह की बाधा नहीं आने का वचन दिया होगा. तभी तो लोहे का पुल दिन में कई दिनों तक कटता रहा और माल की ढुलाई होती रही, लेकिन किसी ने किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचायी. अब पता करना होगा कि राजद नेता ने स्थानीय रंगबाजों व अपराधियों में इसके लिए कितनी रकम खर्च की है.

धर्मकांटा की रसीद ने पुलिस की राह को बनाया आसान:

छह अप्रैल को घटना की प्राथमिकी दर्ज हुई. अमियावार गांव के पास धर्मकांटा पर दो वाहनों पर लदे स्क्रैब का वजन हुआ. यहीं से पुलिस को अनुसंधान का रास्ता मिलता गया. इसके साथ ही मौसमी कर्मचारी की गिरफ्तारी ने पूरे कांड की परत दर परत खोल दी. खैर, अभी भी भारी मात्रा में लोहे की बरामदगी के साथ कई अपराधियों की गिरफ्तारी बाकी है.