सावधान! कहीं आपकी जेब में पड़े नोट नकली तो नहीं?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने स्वीकार किया है कि बाजार में इस वक्त सबसे ज्याादा 500 रुपए के नकली नोट चल रहे हैं,जबकि 2000 रुपए के जाली नोटों में 21.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 500 रुपए के नोट की जालसाजी में वित्त वर्ष 2018-19 में पिछले साल की तुलना में 121 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है,जबकि इसी अवधि में 2000 रुपये के नोटों की जालसाजी में 21.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

सावधान! कहीं आपकी जेब में पड़े नोट नकली तो नहीं?
Pic of Fake Currency of 2000
सावधान! कहीं आपकी जेब में पड़े नोट नकली तो नहीं?
सावधान! कहीं आपकी जेब में पड़े नोट नकली तो नहीं?

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी के दौरान तमाम तरह के दावे किए थे। उस वक्त सरकार का मानना था कि नोटबंदी से आतंकवाद,कालाधन और करप्शन पर रोक लगेगी। पुराने 1000 और 500 रुपये के नोटों को बंद करने से कालाधन समाप्त हो जाएगा। आतंकवाद पर लगाम लगेगा और देश में भ्रष्टाचार का नामो-निशान नहीं रहेगा। सरकार ने नोटबंदी का फैसला लेने के पीछे प्रमुख कारणों में नकली नोटों को बताया था।

नोटबंदी के बाद से सरकार अबतक 2000 और 500 के अलावा 100, 50, 20, और 10 रुपये का नया नोट भी जारी कर चुकी है। मगर नोटबंदी के समय सरकार द्वारा किए गए तमाम दावे झूठे साबित हो रहे हैं। सरकार के दावे के मुताबिक न तो आतंकवाद पर काबू पाया जा सका, न कालाधन समाप्त हुआ और ना ही भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सका और तो और सरकार के तमाम दावों को दरकिनार करते हुए जालसाजों और धंधेबाजों ने हूबहू कॉपी कर नकली नोट बाजार में उतार दिए हैं।

आपको यह याद दिला देना भी जरूरी है कि नोटबंदी के वक्त सरकार और संबंधित विभागों की ओर से कहा गया था कि नए नोटों की नकल नहीं हो सकती, किसी भी तकनीक से नए 2000 और 500 रुपये के नकली नोट हुबहु नहीं छापे जा सकते है और जब नकली नोट नहीं छपेंगे,तो आतंकवाद और कालाधन का जड़ से खात्मा जाएगा। 1000 और 500 रुपये के बड़े नोट बाजार में नहीं होंगे,तो भ्रष्टाचार पर पूर्ण रूप से लगाम लग जाएगा।

पर आपको यह जानकार हैरानी होगी कि न सिर्फ 2000 रुपये के ही नहीं, बल्कि 500, 200, 50, 20 और 10 रुपये के नकली नोट भी बाजार में छाए हुए हैं। भारतीय बाजार में नकली नोटों की भरमार है। बड़े-बड़े मॉल से लेकर गली और नुकक्ड़ की दुकानों तक में नकली नोट धड़ल्ले से चल रहे हैं। भारतीय बाजार में छाए नकली नोटों का दावा हम नहीं कर रहे हैं। कोई गैर सरकारी संगठन भी नहीं कर रहा है। इसका दावा खुद केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किया है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने खुद स्वीकार किया है कि भारतीय बाजार में इस वक्त सबसे ज्याादा 500 रुपए के नकली नोट चल रहे हैं,जबकि 2000 रुपए के जाली नोटों में 21.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 500 रुपए के नोट की जालसाजी में वित्त वर्ष 2018-19 में पिछले साल की तुलना में 121 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है,जबकि इसी अवधि में 2000 रुपये के नोटों की जालसाजी में 21.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि 500 रुपए का नोट जब भी मिले, उसे जरूर चेक कर लें। क्योंहकि वह नकली भी हो सकता है।

आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 200 रुपए के नकली नोट भी बाजार में बढ़े हैं। अगस्त 2017 में जारी किए गए 200 रुपये के नोटों के कुल 12,728 जाली नोट पकड़े गए, जबकि 1 साल पहले यह संख्या सिर्फ 79 थी। रिपोर्ट के मुताबिक 10, 20 और 50 रुपये के नोटों की जालसाजी में भी क्रमश: 20.2 फीसदी, 87.2 फीसदी और 57.3 फीसदी की बढ़ोतरी मिली है। पर अच्छी बात यह है कि 100 रुपए के नोट की जालसाजी घटी है। 100 रुपये के नोटों की जालसाजी में 7.5 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।

आरबीआई ने कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र में जिन नकली भारतीय नोट की पहचान की गई, उसमें से 5.6 फीसदी आरबीआई द्वारा और 94.4 फीसदी अन्य बैंकों द्वारा की गई है। आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि 1 जुलाई 2018 से 30 जून 2019 के बीच नोटों की छपाई में कुल 48.11 अरब रुपये खर्च किए गए, जबकि पिछले साल इसमें 49.12 अरब रुपये खर्च किए गए थे।