11 अक्टूबर को भारत आ रहे हैं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दूसरे शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल
विदेश मंत्रालय ने कहा,‘‘प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ के प्रमुख शी चिनफिंग अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए 11 -12 अक्टूबर 2019 को चेन्नई में होंगे।’’ शिखर वार्ता चेन्नई के समीप प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में होगी। मंत्रालय ने कहा कि शिखर वार्ता के दौरान दोनों देश भारत-चीन विकास साझेदारी को गहरा करने पर विचार विमर्श करेंगे।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 11 अक्टूबर को दो दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग 11 और 12 अक्टूबर को चेन्नई में होने वाले भारत और चीन के दूसरे शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता होगी।
विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि ये शिखर वार्ता दोनों नेताओं को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के व्यापक मुद्दों पर बातचीत जारी रखने का अवसर प्रदान करेगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच वुहान में 27-28 अप्रैल 2018 को पहला शिखर सम्मेलन हुआ था।
विदेश मंत्रालय ने कहा,‘‘प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ के प्रमुख शी चिनफिंग अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए 11 -12 अक्टूबर 2019 को चेन्नई में होंगे।’’ शिखर वार्ता चेन्नई के समीप प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में होगी। मंत्रालय ने कहा कि शिखर वार्ता के दौरान दोनों देश भारत-चीन विकास साझेदारी को गहरा करने पर विचार विमर्श करेंगे।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि भारत और चीन में उच्च स्तर पर परंपराओं का आदान-प्रदान हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दुनिया के दो प्रमुख विकासशील देश और प्रमुख उभरते बाजार हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल हुए वुहान अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के बाद से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में गति आई है। हम अपने सहयोग को आगे बढ़ा रहे हैं और अपने मतभेदों को बेहतर तरीके से सुधारने का प्रयास कर रहे हैं।
इस बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे से पहले चीन ने पाकिस्तान और भारत से कश्मीर मुद्दे को सुलझाने की बात कही है। दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चीन के अपने तीसरे आधिकारिक दौरे पर मंगलवार को बीजिंग पहुंचे। इस दौरान चीन ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे को दोनों देशों के बीच हल किया जाना चाहिए।
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