Corona Effect : मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने जारी की एडवाइजरी,कहा-रमजान में भी करें लॉकडाउन का पालन,घरों में ही अता करें नमाज,गरीबों में जरूर बांटें जकात
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और लखनऊ के शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुसलमानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी के जरिए उन्होंने कहा है कि रमजान में लॉकडाउन का पालन करें और इस महामारी से बचाने के लिए अल्लाह से खास दुआ करें।
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन और लखनऊ के शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने मुसलमानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी के जरिए उन्होंने कहा है कि रमजान में लॉकडाउन का पालन करें और इस महामारी से बचाने के लिए अल्लाह से खास दुआ करें। उन्होंने कहा कि रमजान में लोग तरावीह की नमाज पढ़ें, लेकिन मस्जिद में एक वक्त में पांच से ज्यादा लोग जमा ना हों। मोहल्ले के बाकी लोग मस्जिदों में आने की बजाय घरों में ही रहकर तरावीह और दूसरी नमाजें अदा करें।
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि रमजान के महीन में जो लोग मस्जिद में इफ्तारी भेजते थे, वे इस साल भी करें, लेकिन मस्जिद की बजाय जरूरतमंदों के घर पहुंचाएं। रमजान में इफ्तार पार्टियां करने वाले इसकी रकम से गरीबों को राशन बांटें। रोजेदार इस बात को तय करें कि कोई भी इंसान भूखा ना रहे। जिन लोगों पर जकात फर्ज है, वे गरीबों में जकात जरूर बांटें।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी मुस्लिम समाज से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की है। मुस्लिम समुदाय के लोगों से उन्होंने घरों पर ही इबादत करने का अनुरोध किया है। राज्यों के वक्फ बोर्डों की रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) केंद्रीय वक्फ परिषद के अध्यक्ष नकवी ने बताया कि कोरोना को हराने के लिए सऊदी अरब सहित ज्यादातर मुस्लिम देशों ने भी रमजान के दौरान धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है।
दरअसल, कोरोना के कोप को देखते हुए देश में लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। ऐसे में अब अगर 23 अप्रैल की रात चांद दिखता है,तो रमजान 24 अप्रैल से शुरू हो जाएगा। लेकिन 24 अप्रैल से 3 मई तक लॉकडाउन रहेगा। यानी रमजान के शुरुआती 10 दिन लॉकडाउन में गुजरना तय है। लॉकडाउन के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिदों में नहीं जा सकेंगे। उन्हें अपने घरों में ही इबादत और इफ्तार करना होगा। रमजान में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज तरावीह भी मस्जिदों में नहीं होगी।
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