Corona Effect : म्यूचुअल फंड को भारतीय रिजर्व बैंक की ‘संजीवनी’,50 हजार करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी की घोषणा
भारतीय रिजर्व बैंक ने म्यूचुअल फंड के लिए 50 हजार करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी की घोषणा की है। रिजर्व बैंक की तरफ से म्यूचुअल फंड को दी जाने वाली यह राहत 27 अप्रैल से लेकर 11 मई 2020 तक प्रभावी रहेगी। या अगर उससे पहले ही निर्धारित फंड खत्म हो जाता है,तो पहले ही खत्म हो जाएगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने म्यूचुअल फंड के लिए 50 हजार करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी की घोषणा की है। रिजर्व बैंक की तरफ से म्यूचुअल फंड को दी जाने वाली यह राहत 27 अप्रैल से लेकर 11 मई 2020 तक प्रभावी रहेगी। या अगर उससे पहले ही निर्धारित फंड खत्म हो जाता है,तो पहले ही खत्म हो जाएगी।
दरअसल, कोरोना महामारी के कारण पूंजी बाजारों में अस्थिरता बनी हुई है। जिसकी वजह से म्यूचुअल फंड पर लिक्विडिटी का दबाव पड़ता है,जो कि अब ज्यादा बढ़ गया है। लिक्विडिटी फैसिलिटी एक शॉर्ट टर्म मनी सप्लाई टूल है,जिसे भारतीय रिजर्व बैंक ने आर्थिक संकट से उभरने के लिए कोरोना संकट के बीच लागू किया है।
रिजर्व बैंक के इस फैसले का पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी स्वागत किया है। पी. चिदंबरम ने कहा, “मैंने दो दिन पहले ही चिंता जताई थी, हमारी फिक्र पर आरबीआई ने ध्यान दिया और यह फैसला लिया।” पी.चिदंबरम ने कहा, 'म्यूचुअल फंडों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष नकदी सुविधा की रिजर्व बैंक की घोषणा का मैं स्वागत करता हूं। मुझे खुशी है कि रिजर्व बैंक ने दो दिन पहले जताई गई चिंता पर ध्यान दिया और त्वरित कार्रवाई की।'
ज्ञात हो कि पिछले हफ्ते फ्रैंकलिन टेंपलटन फंड हाउस ने अपने 6 डेट स्कीम बंद कर दिए थे, जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों का पैसा फंस गया। कोरोना वायरस संकट की वजह से इस फंड हाउस को नकदी की समस्या का सामना करना पड़ा। फ्रैंकलिन टेंपलटन के इस फैसले की वजह से निवेशकों के करीब 28 से 30 हजार करोड़ रुपये अटक गए हैं।
यह पहला मौका है जब कोई निवेश संस्था कोरोना वायरस से संबंधित हालात के कारण अपनी योजनाओं को बंद कर रही है। बंद होने वाले छह फंड फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड शामिल हैं।
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