Corona Update : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन्स,हल्के संक्रमण वाले अब कर सकेंगे होम आइसोलेशन,इन छह शर्तो का करना होगा पालन
कोरोना संकट के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइन्स जारी की है,जिसके मुताबिक बहुत हल्के (वेरी माइल्ड) लक्षणों वाले मरीज खुद को घर में ही आइसोलेट कर सकेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन्स में होम आइसोलेशन की 6 शर्तें भी लागू की गई हैं।
प्राणघातक कोरोना वायरस खिलाफ क्या आम और खास सभी जंग लड़ रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारें जहां जंग की रणनीति बना ही हैं,वहीं देश की आम जनता उस रणनीति का बखूबी पालन कर रही है। इन सब के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से संबंधित होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइन्स जारी की है,जिसके मुताबिक बहुत हल्के (वेरी माइल्ड) लक्षणों वाले मरीज खुद को घर में ही आइसोलेट कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन्स में होम आइसोलेशन की 6 शर्तें लागू की गई हैं। शर्तों के मुताबिक वेरी माइल्ड कैटेगरी में होने के साथ ही मरीज के घर पर सेल्फ-आइसोलेशन और परिवार के सदस्यों को क्वारैंटाइन करने की सुविधा होनी चाहिए। मरीज की 24 घंटे देखभाल के लिए कोई व्यक्ति होना चाहिए।
कोरोना का मरीज जब तक आइसोलेशन में रहे, तब तक उसकी देखभाल करने वाले और अस्पताल के बीच संपर्क का जरिया होना चाहिए। मरीज की देखभाल करने वाले और मरीज के करीबी संपर्क वाले लोगों को डॉक्टर की सलाह से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेनी होगी। आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा। इसे ब्लूटूथ और वाई-फाई के जरिए हर वक्त एक्टिव रखना जरूरी होगा।
कोरोना मरीज को अपने स्वास्थ्य के बारे में डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर को नियमित जानकारी देनी होगी। साथ ही मरीज को गाइडलाइंस फॉलो करने की अंडरटेकिंग भी देनी होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन्स में यह भी कहा गया कि गंभीर लक्षण दिखने पर मरीजों को बिना देर किए संबंधित विभागों या धिकारियों से संपर्क करना होगा।
कोरोना का मरीज या उसकी देखभाल करने वाले को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना पड़ेगा। अगर सांस लेने में दिक्कत, लगातार दर्द या छाती में दबाव, मानसिक दबाव या उठने में परेशानी, चेहरे या होठों पर नीलापन या फिर डॉक्टर ने जो बताए हैं वे गंभीर लक्षण दिखें तो तुरंत बताना चाहिए।
अब सबसे बड़ा सवाल यह कि होम आइसोलेशन कब खत्म कर सकते हैं? तो इसके जवाब में कहा गया कि अगर लक्षण दिखने बंद हो गए हैं, टेस्ट के बाद मेडिकल ऑफिसर ने संक्रमण खत्म होना सर्टिफाइ कर दिया है तो मरीज आइसोलेशन खत्म कर सकता है। ज्ञात हो कि अभी तक यह नियम था कि सभी मरीजों को उनकी हालत के आधार पर कोविड केयर सेंटर,डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर या डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता था।
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