क्या बिहार विधानसभा चुनाव जीतना है,तो नीतीश कुमार को देना होगा प्रशांत किशोर के सवालों का जवाब? 15 सालों में क्या हुआ ये भी जनता को बताना होगा?

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और उनके 15 सालों के कार्यकाल पर जो सवाल उठाए हैं,वह आने वाला चुनाव का मुद्दा तो बनेगा ही,साथ ही अब तक नीतीश कुमार, लालू यादव के शासनकाल से अपनी जो तुलनात्मक व्याख्या कर सत्ता के लिए समर्थन की मांग करते रहे हैं,उस नारे को भी उन्हें बदलना होगा। नीतीश कुमार को आगामी विधानसभा चुनाव जीतना है,तो उन्हें साबित करना होगा कि किस प्रकार से उनका कार्यकाल लालू यादव के कार्यकाल से बेहतर है।

क्या बिहार विधानसभा चुनाव जीतना है,तो नीतीश कुमार को देना होगा प्रशांत किशोर के सवालों का जवाब? 15 सालों में क्या हुआ ये भी जनता को बताना होगा?
GFX On Bihar Assembly Election-2020
क्या बिहार विधानसभा चुनाव जीतना है,तो नीतीश कुमार को देना होगा प्रशांत किशोर के सवालों का जवाब? 15 सालों में क्या हुआ ये भी जनता को बताना होगा?
क्या बिहार विधानसभा चुनाव जीतना है,तो नीतीश कुमार को देना होगा प्रशांत किशोर के सवालों का जवाब? 15 सालों में क्या हुआ ये भी जनता को बताना होगा?
क्या बिहार विधानसभा चुनाव जीतना है,तो नीतीश कुमार को देना होगा प्रशांत किशोर के सवालों का जवाब? 15 सालों में क्या हुआ ये भी जनता को बताना होगा?

बिहार में विधानसभा का चुनाव इस वर्ष होना तय है। चुनाव में अभी देरी है। लेकिन राजनीतिक सरगर्मी अभी से महसूस की जा रही है। तमाम दलों के नेता अपने-अपने विरोधियों पर निशाना साध रहे हैं। खूब पोस्टरबाजी और बयानबाजी हो रही है। इसी कड़ी में प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार के कार्यकाल और उनकी कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं।

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और उनके 15 सालों के कार्यकाल पर जो सवाल उठाए हैं,वह आने वाला चुनाव का मुद्दा तो बनेगा ही,साथ ही अब तक नीतीश कुमार, लालू यादव के शासनकाल से अपनी जो तुलनात्मक व्याख्या कर सत्ता के लिए समर्थन की मांग करते रहे हैं,उस नारे को भी उन्हें बदलना होगा। नीतीश कुमार को आगामी विधानसभा चुनाव जीतना है,तो उन्हें साबित करना होगा कि किस प्रकार से उनका कार्यकाल लालू यादव के कार्यकाल से बेहतर है।

बिहार की जनता का समर्थन प्राप्त करने के लिए नीतीश कुमार को यह भी बताना होगा कि उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए क्या कदम उठाए हैं और आगे उनकी कार्ययोजना में क्या-क्या शामिल है? बिजली,पानी,सड़क और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए उनकी सरकार ने क्या किया है और आगे क्या करने वाली है? प्रदेश के हालात इतने खराब क्यों हैं? युवाओं रोजगार के लिए क्या किया जा रहा है? युवा पलायन न करें इसके लिए क्या ठोष कदम उठाए जा रहे है? और लाख मिन्नतों के बाद भी केंद्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया फिर भी आप बीजेपी के साथ क्यों हैं? 

2020 के विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता नीतीश कुमार से यह भी पूछेगी की शराबबंदी का क्या हुआ? आज भी प्रदेश में शराब सहज उपलब्ध क्यों है? दहेज कानून निवारण कानून का क्या हुआ? क्या बिहार में बिना दहेज लिए-दिए कोई विवाह हो रहा है? और सबसे बड़ा सवाल यह कि राज्य की जनता ने आपको और राष्ट्रीय जनता दल को बहुमत दिया था,तो फिर आप भारतीय जनता पार्टी के साथ क्यों चले गए?

दरअसल,प्रशांत किशोर ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कई ऐसे सवाल खड़े किए,जो बेहद गंभीर और गौर करने वाले है। प्रशांत ने कहा कि बिहार में सड़क, बिजली, चिकित्सा और शिक्षा आदि के क्षेत्र में काम तो हुए हैं 15 साल पहले देश में जिस स्थान पर बिहार था,आज भी उसी स्थान पर है। बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य उस समय भी था और सबसे पिछड़ा राज्य आज भी है। शिक्षा की हालत बदतर है। स्कूल बने, लेकिन उच्चस्तरीय शिक्षक नहीं मिले। सड़क बने लेकिन यहां का आर्थिक विकास नहीं हुआ। इसीलिए सड़कों पर चलने वाले वाहनों की कमी है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिजली घर-घर पहुंची है। लेकिन देश में औसतन सबसे कम बिजली की खपत बिहार में है। क्योंकि यहां के लोग आर्थिक रूप से देश में आज भी सबसे अंतिम पायदान पर हैं। लोगों का पलायन नहीं रुका है। मतलब जिस लालू-राबड़ी के 15 सालों के शासनकाल को असफल बताते हुए नीतीश कुमार खुद 15 वर्षों से सत्ता में बैठे हुए हैं। उनके कार्यकाल में भी वैसा कुछ नहीं हुआ कि बिहार  विकास के मामले में 2005 में जहां था उससे उपर उठा हो। आज भी बिहार की स्थिति विकास दर में वैसी ही है जैसी लालू यादव और राबडी देवी के शासनकाल में था।

प्रशांत किशोर ने पत्रकारों के सामने आंकड़े भी प्रस्तुत किए हैं। साथ ही साथ बीजेपी और जेडीयू गठबंधन को केवल सत्ता के लिए स्वाभाविक गठबंधन करार दिया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि यह कैसा विकास है कि आज भी रोजगार के लिए पलायन उसी तरह जारी है? आज भी चिकित्सा के लिए यहां के लोग बाहर जा रहे हैं। शिक्षा के लिए लोग बाहर जा रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने आंकड़ों के साथ नीतीश कुमार सरकार द्वारा अब तक गिनाई जा रही उपलब्धियों पर जो सवाल उठाए हैं। वह सवाल खासकर बिहार के शिक्षित और युवा वर्ग को अपनी तरफ आकर्षित करने में बहुत हद तक कामयाब होगा और इसके लिए नीतीश कुमार को जवाब ढूंढना होगा। आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को पूरी तैयारी के साथ उतरना होगा।