यूपीएससी में चयनित होकर ‘बुशरा बानो’ ने पेश की मिसाल

आप में यदि हौसला हो तो आप नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकते हैं। बशर्तें जरूरी है कि अपने लक्ष्य के प्रति लगातार सही दिशा में प्रयासरत रहना। जी हां, कुछ ऐसा ही कर दिखाया है यूपी के कन्नौज की बुशरा बानो ने। जिन्होंने यूपीएससी 2018 परीक्षा में 277वीं रैंक प्राप्त किया।

यूपीएससी में चयनित होकर ‘बुशरा बानो’ ने पेश की मिसाल
यूपीएससी में चयनित होकर ‘बुशरा बानो’ ने पेश की मिसाल
यूपीएससी में चयनित होकर ‘बुशरा बानो’ ने पेश की मिसाल

आप में यदि हौसला हो तो आप नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकते हैं। बशर्तें जरूरी है कि अपने लक्ष्य के प्रति लगातार सही दिशा में प्रयासरत रहना। जी हां, कुछ ऐसा ही कर दिखाया है यूपी के कन्नौज की बुशरा बानो ने। जिन्होंने यूपीएससी 2018 परीक्षा में 277वीं रैंक प्राप्त किया।

चयनित होने पर बुशरा बानो ने कहा कि ‘‘लोगों का मानना है कि सोशल मीडिया से दूर रह कर पढ़ाई करो तो अच्छा है मगर मैंने इसका भरपूर सहयोग लिया।’’ यानि कि बानो ने अपनी पढ़ाई में सोशल मीडिया का भी भरपूर सहयोग लिया और अपने मुकाम को हासिल किया।

मो. अरशद हुसैन व शमा बानो की बेटी डाॅ. बुशरा बानो ने आईएएस परीक्षा में चयनित होकर महिलाओं के लिए एक मिसाल पेश की है। वह बीएससी देवांशु समाज कल्याण महाविद्यालय से करने के बाद एचआर फाइनेंस सहारा एंड मैनेजमेंट एकेडमी लखनऊ से एमबीए किया और अलीगढ़ यूनीवर्सिटी से पीएचडी की। उसके बाद उनका निकाह अलीगढ़ निवासी असमार हुसैन से हो गया। असमद एएमयू से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर सउदी अरब की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे थे। शादी के बाद 2014 में बुशरा भी सउदी अरब पहुंच गईं और असिस्टेंट प्रोफेसर बन गईं। लेकिन बुशरा बानो के दिमाग में एक ही बात घूम रही थी कि देश के लिए कुछ किया जाए। इसके बाद वह 2016 में भारत वापस आ गयी। और यूपीएससी की तैयारी करने लगी। अंततः उसे 2018 में सफलता मिल ही गयी। अब बुशरा बानो का समाज व देश की सेवा करने का सपना जल्द पूरा हो जाएगा।