देश के भूतपूर्व विदेश मंत्री स्व. श्री श्यामनंदन मिश्र जी के जन्म शताब्दी समारोह का शुभारम्भ,गणमान्यों ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर डाला प्रकाश
दिल्ली स्थित सरदार बल्लव भाई पटेल ट्रस्ट साल 2019 को महान राजनेता ,प्रखर वक्ता और भूतपूर्व विदेश मंत्री, स्वर्गीय श्री श्यामनंदन मिश्र के जन्म शताब्दी के रूप में मना रहा है। 19 अक्टूबर को जन्म शताब्दी समारोह का शुभारम्भ किया गया। ट्रस्ट की ओर से आयोजित समारोह में कई गणमान्यों ने भाग लिया और श्री श्यामनंदन मिश्र जी को याद किया। गणमान्यों ने देश भर के लोगों से श्री मिश्र के बताए रास्ते पर चलने का आह्वान भी किया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 19 अक्टूबर को भारत के महान राजनेता , प्रखर वक्ता और भूतपूर्व विदेश मंत्री, स्वर्गीय श्री श्यामनंदन मिश्र के जन्म शताब्दी समारोह का शुभारम्भ किया गया। सरदार बल्लव भाई पटेल ट्रस्ट की ओर से आयोजित समारोह में कई गणमान्यों ने भाग लिया और श्री श्यामनंदन मिश्र जी को याद किया। गणमान्यों ने देश भर के लोगों से श्री श्यामनंदन मिश्र जी के बताए रास्ते पर चलने का आह्वान भी किया।
गणमान्य अतिथियों में शामिल पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र और वरिष्ठ राजनेता श्री सुनील शास्त्री, भारत सरकार के पूर्व मंत्री श्री संजय पासवान, जदयू के प्रधान महासचिव श्री के.सी. त्यागी, विवेकानंद फाउंडेशन के सीनियर फेल्लो और आइपीएस श्री रामनरेश सिंह ने समारोह के दौरान श्री मिश्र के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।
वक्ताओं ने अपने-अपने उद्बोधन में बताया कि श्री श्यामनंदन मिश्रजी के राजनितिक जीवन का सूत्रपात उनके छात्र जीवन में ही हो गया था। भारत की आजादी के बाद श्रीकृष्ण सिंह के बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद संविधान सभा में खाली हुए स्थान पर इन्हें दिल्ली भेजा गया। इनकी प्रतिभा को देखते हुए स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने इन्हें अपने कैबिनेट में शामिल किया और डिप्टी मिनिस्टर बनाया।
देश में हुए पहले आम चुनाव में श्री श्यामनंदन मिश्रजी सांसद चुन कर संसद पहुंचे और 1980 तक लगातार संसद सदस्य बने रहे। नेहरु जी ने इनकी प्रतिभा को बखूबी पहचाना और इस्तेमाल किया। ये 1952 से 1954 तक ये नेहरु जी के पार्लियामेंट सेक्रेटरी रहे। 1954 में जब प्लानिंग कमिशन का गठन किया गया, तो ये उसके पहले उपाध्यक्ष नियुक्त हुए, जिसे उन दिनों डिप्टी मिनिस्टर प्लानिंग कहा जाता था। इस पद पर ये 1962 तक बने रहे।
भारत में आज हम जिन सरकारी उपक्रमों को देख रहे हैं, उन सभी की रुपरेखा इन्होंने न केवल बनाया, बल्कि मूर्त रूप भी दिया। आपातकाल के बाद जनतापार्टी की जब सरकार बानी,तो उसमें भी श्री श्यामनंदन मिश्रजी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने इन्हें विदेश मंत्री बनाया। लेकिन वह सरकार लंबे समय तक नहीं चली। इसके बाद इन्होंने राजनीती को अलविदा कह दिया। श्री श्यामनंदन मिश्रजी का निधन 2004 में हुआ।
दरअसल, सरदार पटेल ट्रस्ट द्वारा वर्ष 2019 को इनके जन्म शताब्दी वर्ष के रूप में मानाने का फैसला किया गया है। इस कार्यक्रम के संयोजन में मुख्य रूप से भूमिका ट्रस्ट के चैयरमेन श्री दिनसा पटेल, श्री सुनील शास्त्री (वाईस चैयरमेन), श्री नितिंजय चौधरी (मैनेजिंग ट्रस्टी) और श्री सुरेंद्र कुमार (ट्रस्टी), श्री एम वी राजशेखरन, श्री सुरेंद्र मोहन तरुण, श्री नरहरी अमिन, प्रो. आनंद कुमार, श्री अनिल कुमार मौर्या, श्री अर्जुन मोधवाडिया ने निभाया। कार्यक्रम को मूर्त रूप देने में सबसे अहम भूमिका श्री राम नगीना सिंह के अलावे वरिष्ठ पत्रकार श्री उमाशंकर सिंह और श्री बीरेंद्र कुमार चौधरी की रही।
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