आम बजट-2020 : किसको क्या मिला? 10 बिंदुओं में समझिए

नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक विकास दर 10 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। टैक्स स्लैब में भी बड़ा बदलाव किया गया है। बजट में किसानों के लिए भी कई ऐलान किए गए हैं। तो चलिए दस बिंदुओं में पूरे बजट को समझते हैं।

आम बजट-2020 :  किसको क्या मिला? 10 बिंदुओं में समझिए
GFX of Union Budget-2020
आम बजट-2020 :  किसको क्या मिला? 10 बिंदुओं में समझिए
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आम बजट-2020 :  किसको क्या मिला? 10 बिंदुओं में समझिए

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का शनिवार को दूसरा बजट पेश किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में किसानों से लेकर करदाताओं तक के लिए कई अहम ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के 48.7 प्रतिशत पर आ गया है। यह मार्च, 2014 में 52.2 प्रतिशत था।

नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक विकास दर 10 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। टैक्स स्लैब में भी बड़ा बदलाव किया गया है। बजट में किसानों के लिए भी कई ऐलान किए गए हैं। तो चलिए दस बिंदुओं में पूरे बजट को समझते हैं।

करदाताओं को मिली बड़ी राहत

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं को बड़ी राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नई वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की है। वित्त मंत्री ने कहा कि नई सरलीकृत आयकर व्यवस्था में पांच लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। साथ ही ढाई लाख रुपये तक की आय कर मुक्त बनी रहेगी। ढाई लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से आयकर लागू होगा, लेकिन छूट के बाद पांच लाख रुपये तक की आय पर कर नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि नई आयकर व्यवस्था वैकल्पिक होगी, करदाताओं को पुरानी व्यवस्था या नई व्यवस्था में से चुनने का विकल्प होगा।

ये हैं नए टैक्स स्लैब

5 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं
5 लाख से 7.5 लाख तक की आमदनी पर 10 फीसदी टैक्स
7.5 लाख से 10 लाख तक की आमदनी पर 15 फीसदी टैक्स
10 लाख से 12.5 लाख तक की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स
12.5 लाख से 15 लाख तक की आमदनी पर 25 फीसदी टैक्स
15 लाख से अधिक की आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स

केंद्र शाशित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को बजट में क्या मिला?

वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में केंद्र शाशित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए 30,757 करोड़ रुपये और लद्दाख को 5,958 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी के लिए एक राष्ट्रीय नीति लाई जाएगी और डेटा को आवश्यक तौर पर भरोसे के लायक होना चाहिए। उन्होंने बजट में गैर-गजटेड अधिकारियों की नियुक्ति के लिए बड़े सुधारों का भी प्रस्ताव किया है।

क्या है शिक्षा का बजट?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के शीर्ष 100 शैक्षणिक संस्थान उन छात्रों के लिए डिग्री स्तर का एक ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम आरंभ करेंगे, जो समाज के वंचित तबके से संबंध रखते हंल और जिनकी उच्च शिक्षा तक पहुंच नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि जल्द ही नई शिक्षा नीति की घोषणा की जाएगी और सरकार अगले वित्त वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव रखती है।

निर्मला सीतारमण ने शिक्षकों, नर्सों, पराचिकित्सा कर्मी और सेवा प्रदाताओं के कौशल में सुधार और अनुरूपता लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, पेशेवर निकायों के साथ मिलकर विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत उच्च शिक्षा के लिए पसंदीदा स्थल होना चाहिए। 'भारत में अध्ययन कार्यक्रम के तहत एशियाई और अफ्रीकी देशों में एक आईएनडी-एसएटी परीक्षा का प्रस्ताव रखा गया है, जिससे कि भारतीय उच्च शैक्षणिक केंद्रों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति पाने वाले विदेशी उम्मीदवारों के लिए मानक तय किया जा सके।

वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय संस्थाओं की रैंकिंग में शीर्ष 100 संस्थान ही ये कार्यक्रम उपलब्ध कराएंगे और शुरुआत में कुछ ही संस्थानों को ऐसे कार्यक्रम उपलब्ध कराने को कहा जाएगा। सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा पुलिस विज्ञान, फोरेंसिक विज्ञान और साइबर फोरेंसिक के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और एक राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय का प्रस्ताव रखा गया है।

सरकार बुनियादी ढांचे कर कितना करेगी खर्च?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन के लिए सरकार ने 103 लाख करोड़ रुपये की अवसंरचना परियोजनाएं शुरू की हैं और वह राजमार्गों के निर्माण में तेजी लाने के साथ ही जल्द एक लॉजिस्टिक नीति लाएगी। उन्होंने कहा कि 2020-21 में परिवहन अवसंरचना परियोजनाओं के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये मुहैया कराए गए हैं। नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) के तहत 103 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की गई हैं। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस घोषणा के अनुरूप की गई, जिसमें उन्होंने अगले पांच वर्षों में 100 लाख करोड़ रुपये के अवसंरचना निवेश की बता कही थी।

निर्मला सीतारमण ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने अगले पांच वर्षों के दौरान अवसंरचना 100 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी। एनआईपी की शुरुआत 31 दिसंबर 2019 में हुई, जिसके तहत 103 लाख करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन नई परियोजनाओं में आवसीय, साफ पेयजल, स्वच्छ ऊर्जा, स्वास्थ्य, आधुनिक रेलवे, एयरपोर्ट, मेट्रो बस, लॉजिस्टिक्स शामिल हैं।' सीतारमण ने कहा कि एनआईपी से नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार होगा और इससे बड़े स्तर पर रोजगार के नए मौके तैयार होंगे।

बजट में पर्यटन के लिए बड़ा ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संस्कृति मंत्रालय के तहत भारतीय धरोहर और संरक्षण संस्थान की स्थापना का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय के लिए 3,150 करोड़ रुपये और पर्यटन मंत्रालय को 2,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने झारखंड के रांची में एक जनजातीय संग्रहालय की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा। वित्त मंत्री ने कहा, 'हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात और तमिलनाडु के पांच पुरातात्विक स्थलों को संग्रहालयों के साथ विकसित किया जाना है।'

केंद्र सरकार बेचेगी LIC में हिस्सेदारी

केंद्र सरकार ने अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी में अपनी कुछ हिस्सेदारी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ के जरिए बेचने की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एलआईसी को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराया जाएगा। सूचीबद्धता से कंपनियों में वित्तीय अनुशासन बढ़ता है। सरकार का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिए एलआईसी में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव है। अभी एलआईसी की पूरी हिस्सेदारी सरकार के पास है।

बजट में रेलवे को क्या मिला?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि देश में तेजस की तरह और भी कई कॉरपोरेट ट्रेनें चलाई जाएंगी। वित्त मंत्री ने रेल पटरियां बिछाने के साथ ही सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटक स्थलों को जोड़ने के लिए तेजस की तरह ही और ट्रेनों को चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 2023 तक पूरा हो जाएगा और चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेसवे भी बनाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि चार स्टेशनों को निजी क्षेत्र की मदद से दोबारा विकसित किया जाएगा। रेलवे स्टेशनों पर 550 वाईफाई सुविधाएं दी गई हैं।

बजट में महिलाओं को क्या मिला?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिलाओं के लिए विवाह योग्य आयु की सिफारिश करने के लिए कार्यबल का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए 9500 करोड़ रुपये मुहैया कराए गए हैं,वित्त वर्ष 20-21 में पोषण संबंधी कार्यक्रम के लिए 35600 करोड़ आवंटित किए गये हैं।

बजट में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के लिए क्या?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बजट में 85 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का झारखंड के रांची में एक आदिवासी संग्रहालय खोलने का भी प्रस्ताव है, वहीं हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात और तमिलनाडु में पांच पुरातत्व स्थलों पर संग्रहालय बनाए जाने हैं। सरकार ने संस्कृति मंत्रालय के लिए 3150 करोड़ रुपये और पर्यटन मंत्रालय के लिए 2500 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।

बजट में बिजली क्षेत्र के लिए भी बड़ा ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन साल में पूरे देश में बिजली के प्रीपेड मीटर की व्यवस्था करने और ग्राहकों को कभी भी बिजली वितरण कंपनी बदलने की आजादी देने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि बिजली,नवीकरणीय उर्जा क्षेत्र के लिए 22,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को पारंपरिक मीटरों को स्मार्ट प्री-पेड मीटरों से बदलना चाहिए। इसके साथ ही ग्राहकों को कभी भी बिजली वितरण कंपनी बदलने की आजादी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को तीन साल के भीतर पारंपरिक बिजली मीटरों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ बदलने की जरूरत है।  वित्त मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ग्रिड को 16,000 किलोमीटर से बढ़ाकर 27,000 किलोमीटर किया जाएगा।

बजट में किसानों ने के लिए क्या?

केंद्र सरकार ने फल और सब्जी जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किसान रेल का प्रस्ताव किया है। इसके तहत इन उत्पादों को रेफ्रिजरेटेड डिब्बों में ले जाने की सुविधा होगी। विशेष किसान रेलगाड़ियां सार्वजनिक-निजी भागीदारी यानी पीपीपी मॉडल के तहत चलाने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जल्द खराब होने वाले सामान के लिए राष्ट्रीय शीत आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण को रेलवे पीपीपी मॉडल में किसान रेल बनाएगी। इससे ऐसे उत्पादों की ढुलाई तेजी से हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का चुनिंदा मेल एक्सप्रेस और मालगाड़ियों के जरिए जल्द खराब होने वाले सामान की ढुलाई के लिये रेफ्रिजरेटेड पार्सल वैन का भी प्रस्ताव है। जल्द खराब होने वाले फल, सब्जियों, डेयरी उत्पादों, मछली, मांस आदि को लंबी दूरी तक ले जाने के लिये इस तरह की तापमान नियंत्रित वैन की जरूरत है।