महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच सीएम पद पर अभी भी फंसा है पेंच, संख्या बल बढ़ाने में जुटे हैं दोनों दल
निर्दलीय विधायकों में गीता जैन, राजेंद्र राउत और रवि राणा शामिल हैं। ठाणे जिले की मीरा भयंदर सीट से जीतीं गीता जैन ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है। विधानसभा चुनाव में वह भाजपा से टिकट चाहती थीं और नहीं मिलने पर 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में निर्दलीय खड़ी हो गई थी। जैन ने पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी नरेंद्र मेहता को हराया है।
भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में तो जननायक जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली, लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद पर पेंच अभी भी फंसा हुआ है। शिवसेना 50-50 फार्मूले पर अड़ा हुआ है। सरकार में सत्ता बंटवारों को लेकर खींचतान कर रही बीजेपी और शिवसेना अपना-अपना संख्या बल बढ़ाने में जुटे हुए हैं। इसी प्रयास के तहत बीजेपी ने पांच विधायकों का समर्थन हासिल किया है, जिनमें तीन निर्दलीय और दो अन्य छोटे दलों के दो विधायक हैं।
निर्दलीय विधायकों में गीता जैन, राजेंद्र राउत और रवि राणा शामिल हैं। ठाणे जिले की मीरा भयंदर सीट से जीतीं गीता जैन ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है। विधानसभा चुनाव में वह भाजपा से टिकट चाहती थीं और नहीं मिलने पर 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में निर्दलीय खड़ी हो गई थी। जैन ने पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी नरेंद्र मेहता को हराया है।
राजेंद्र राउत भी बीजेपी के बागी प्रत्याशी थे और उन्होंने सोलापुर जिले की बरसी सीट से शिवसेना के आधिकारिक प्रत्याशी दिलीप सोपाल को हराया है। वहीं, रवि राणा ने अमरावती जिले के बडनेरा सीट पर शिवसेना की उम्मीदवार प्रीति बंद को हराया है।
अचलपुर से विधायक बाच्चु काडु और उनके सहयोगी और मेलघाट से विधायक राजकुमार पटेल ने इससे पहले शिवसेना को समर्थन देने की पेशकश की है। दोनों सीटें विदर्भ के अमरावती जिले की हैं। काडु प्रहर जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के नतीजों में 2014 के मुकाबले बीजेपी की कम सीटें आने के बाद से शिवसेना ने अपना रुख कड़ा कर लिया है और सरकार में 50-50 फीसदी हिस्सेदारी की मांग कर रही है।
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