जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं हुईं बहाल, सोशल मीडिया सेवा को रखा गया है बाहर, एक सप्ताह बाद फिर होगी समीक्षा

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं बहाल कर दी गयी हैं। ये जिले जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर और रियासी हैं। यहां ई-बैंकिंग समेत सुरक्षित वेबसाइट देखने के लिए पोस्ट पेड मोबाइलों पर 2जी इंटरनेट कनेक्टिविटी की अनुमति दी गई है। फिलहाल ये आदेश 15 जनवरी से 7 दिन के लिए लागू रहेगा।

जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं हुईं बहाल, सोशल मीडिया सेवा को रखा गया है बाहर, एक सप्ताह बाद फिर होगी समीक्षा
Pic of Telephone Booth, Internet Kiyoshk
जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं हुईं बहाल, सोशल मीडिया सेवा को रखा गया है बाहर, एक सप्ताह बाद फिर होगी समीक्षा
जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं हुईं बहाल, सोशल मीडिया सेवा को रखा गया है बाहर, एक सप्ताह बाद फिर होगी समीक्षा
जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं हुईं बहाल, सोशल मीडिया सेवा को रखा गया है बाहर, एक सप्ताह बाद फिर होगी समीक्षा

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं बहाल कर दी गयी हैं। ये जिले जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर और रियासी हैं। यहां ई-बैंकिंग समेत सुरक्षित वेबसाइट देखने के लिए पोस्ट पेड मोबाइलों पर 2जी इंटरनेट कनेक्टिविटी की अनुमति दी गई है। फिलहाल ये आदेश 15 जनवरी से 7 दिन के लिए लागू रहेगा।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने होटलों, यात्रा प्रतिष्ठानों और अस्पतालों समेत जरूरी सेवाएं मुहैया कराने वाले सभी जगहों पर ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा बहाल करने को  कहा गया है। प्रशासन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से केंद्र शासित प्रदेश में इंटरनेट पर लगी पाबंदी की समीक्षा करने को कहा था।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन के आदेश में कहा गया, “इंटरनेट सेवा प्रदाता आवश्यक सेवाओं वाले सभी संस्थानों, अस्पतालों, बैंकों के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों में ब्रॉडबैंड सुविधा प्रदान करेंगे। इसमें सोशल मीडिया सेवा को बाहर रखा गया है।” प्रशासन ने कश्मीर में अतिरिक्त 400 इंटरनेट कियोस्क स्थापित किए जाने की अनुमति भी दी ह। कियोस्क ऐसे बूथ होते हैं, जिनमें इंटरनेट काम करता है, जिससे कि जरूरी काम निपटाए जा सकें।

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को कश्मीर में इंटरनेट पर 5 महीने 4 दिन से जारी पाबंदी और वहां लागू धारा-144 पर पर फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि इंटरनेट संविधान के अनुच्छेद-19 के तहत लोगों का मौलिक अधिकार है। यानी यह जीने के हक जैसा ही जरूरी है। इंटरनेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं किया जा सकता।

कोर्ट ने सरकार से सभी पाबंदियों की 7 दिन के अंदर समीक्षा करने और इसके आदेश को सार्वजनिक करने का भी निर्देश दिया था। फैसला जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने सुनाया था। पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में इटंरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। पिछले साल अक्टूबर में जम्मू में ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू की गई थी। वहीं, लद्दाख में मोबाइल और ब्रॉडबैंड सेवाएं बहाल की गई थी।