कठुआ गैंग रेप और हत्या मामले में तीन को उम्रकैद, तीन पुलिसकर्मियों को 5-5 साल की सजा
पंजाब की पठानकोट फास्टट्रैक कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए गैंग रेप और मर्डर मामले के छह दोषियों में से तीन को उम्र कैद,जबकि साक्ष्यों के छेड़छाड़ के दोषी तीन पुलिसकर्मियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है।
पंजाब की पठानकोट फास्टट्रैक कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए गैंग रेप और मर्डर मामले के छह दोषियों में से तीन को उम्र कैद,जबकि साक्ष्यों के छेड़छाड़ के दोषी तीन पुलिसकर्मियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। 6 में से 3 को रेप और हत्या का दोषी माना गया, जबकि 3 को सबूत मिटाने के लिए दोषी करार दिया गया।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में पिछले साल जनवरी महीने में आठ साल की एक बच्ची के साथ गैंग रेप, प्रताड़ना और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। राजस्व विभाग का पूर्व सरकारी अधिकारी सांजी राम इस मामले का मास्टरमाइंड था। कोर्ट ने सांजी राम को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई है। सबूतों के अभाव में उसके बेटे को कोर्ट ने रिहा कर दिया है।
सांजी राम के अलावा जिनको सजा सुनाई गई, उसमें परवेश कुमार, दो स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक कुमार और सुरेंदर वर्मा, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता शामिल हैं। पुलिसकर्मियों को इस मामले में साक्ष्य मिटाने का दोषी ठहराते हुए 5-5 साल की सजा सुनाई गई है।
कोर्ट ने इससे पूर्व ग्राम प्रधान सांजी राम, परवेश कुमार, दो विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया, सुरेंद्र वर्मा, हेड कांस्टेबल तिलक राज और एसआई आनंद दत्ता को दोषी ठहराया था। पीड़ित परिवार के वकील मुबीन फारूकी ने बताया कि पठानकोट की कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए गए व्यक्तियों में सांजी राम, आनंद दत्ता, परवेश कुमार, दीपक खजुरिया, सुरेंद्र वर्मा और तिलक राज हैं। जिन्हें कोर्ट ने सजा देकर पीड़ित परिवार के साथ न्याय किया है।
इस बीच प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कोर्ट के फैसले का स्वाीगत किया है। महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में लिखा कि, ''इस फैसले का स्वागत करती हूं। यह समय ऐसे घिनौने अपराधों पर राजनीति करने का नहीं है। जहां एक 8 साल की बच्चों को नशीले पदार्थ दिए गए, उसका रेप किया गया और फिर मौत की नींद सुला दिया गया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेस के नेता उमर अबदुल्ला ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
आपको बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जम्मू-कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। इससे पहले कठुआ के वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका था। इस मामले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। पन्द्रह पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गयी आठ साल की बच्ची को कठुआ जिले के एक छोटे से गांव के मंदिर में कथित तौर पर बंधक बनाकर उसके साथ बलात्कार किया गया। उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गयी। अपराध शाखा ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे तथा उसके दोस्त आनंद दत्ता को गिरफ्तार किया था।
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