जानिए, वड़ोदरा के ‘वासुदेव’ ने कैसे बचाई बच्ची की जान?
द्वापर युग के वासुदेव ने जहां सृष्टि के पालनकर्ता भगवान श्री कृष्ण की रक्षा की थी,उनकी जान बचाई थी,तो बड़ोदरा के इस वसुदेव ने एक ऐसी नन्ही परी की रक्षा की है,जो आगे चलकर सृष्टि का संचालन और संवहन करेगी, नारी शक्ति का मान बढ़ाएगी। एक पिता की शान और दो घरों का मान बनेगी।
आप सभी ने वसुदेव का नाम जरूर सुना होगा। भगवान श्री कृष्ण के पिता वसुदेव के बारे में, जिन्होंने मामा कंस द्ववारा मारे जाने के डर से अपने नन्हे पुत्र श्री कृष्ण को एक टोकरी में रखकर उफनती यमुना नदी को पार कर नंदगांव पहंचे थे और वहां उन्होंने अपने पुत्र को नंदबाबा और माता यशोदा के यहां सुरक्षित रखा था। आज हम आप सभी को एक और वसुदेव के बारे में बताने जा रहे हैं, जो द्वापर युग के नहीं, कलयुग के वसुदेव हैं। ये गुजरात प्रांत के वड़ोदरा के वसुदेव हैं। वड़ोदरा के इस वसुदेव का नाम गोविंद चावड़ा है।
द्वापर युग के वासुदेव ने जहां सृष्टि के पालनकर्ता भगवान श्री कृष्ण की रक्षा की थी,उनकी जान बचाई थी,तो बड़ोदरा के इस वसुदेव ने एक ऐसी नन्ही परी की रक्षा की है,जो आगे चलकर सृष्टि का संचालन और संवहन करेगी, नारी शक्ति का मान बढ़ाएगी। एक पिता की शान और दो घरों का मान बनेगी।
दरअसल, वड़ोदरा में बारिश ढा रही थी कहर और डेढ़ माह की बच्ची के लिए वसुदेव बना एक पुलिस इंस्पेक्टर। हम जिस वसुदेव की बात कर रहे हैं, वो एक पुलिस इंस्पेक्टर हैं। वड़ोदरा में भारी बारिश की वजह से 24 घंटे में ही करीब 20 इंच पानी गिर गया। इस वजह से शहर की सड़कें तालाब बन गईं। बारिश में फंसी एक डेढ़ माह की बच्ची के लिए एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर वसुदेव की तरह आया और उसकी जान बचा ली। सेंट्रल गुजरात के वड़ोदरा से बाढ़ के दौरान की जो तस्वीर सामने आई है, उसे देखकर आपका दिल पिघल जाएगा। बाढ़ में फंसे एक नवजात की जान किस तरह एक पुलिसकर्मी ने बचाई है। उस तस्वीर को देखर आप भी उस पुलिसकर्मी को सलाम करेंगे।
तस्वीर में एक पुलिसकर्मी को देखा जा सकता है,जो गर्दन तक बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है। उसने अपने सिर पर एक टोकरी रखी हुई है, जिसमें एक नवजात बच्ची है और उसे वह अपने एक हाथ से पकड़ा हुआ है और बाढ़ को पार करता नजर आ रहा है। गोविंद चावड़ा नाम के इस वसुदेव ने विश्वामित्री रेलवे स्टेशन के नजदीक देवीपुरा से डेढ़ माह की एक नवजात बच्ची की जान बचाई।
बताया जा रहा है कि इलाके में भीषण बाढ़ की सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम रेस्क्यू के लिए फौरन वहां पर पहुंची, गोविंद चावड़ा भी इसी टीम का हिस्सा थे। गोविंद चावड़ा ने बताया कि वो और उनके साथ के अन्य पुलिसकर्मियों ने पैदल चलकर देवीपुरा का सफर तय किया। उन्होंने एक खंभे से एक रस्सी को बांध दिया ताकि लोग गर्दन तक भरे बाढ़ के पानी में उस रस्सी को पकड़ कर बाहर सुरक्षित जगह पर आ सकें। इसी बीच उन्होंने देखा कि एक छोटी सी बच्ची और उसकी मां बाढ़ में डूबे एक घर में बुरी तरह फंसे हुए हैं। इसके बाद फौरन उन्होंने उस महिला से एक प्लास्टिक टब मांगा और आगे की कार्रवाई शुरु की।
गोविंद चावड़ा ने बताया कि बाढ़ के पानी में गोद में बच्ची को लेकर बाहर निकलना असंभव था। लिहाजा,टब में कुछ कपड़े रखे और एक बेडशीट रखकर उस पर बच्ची को उसमें लपेटा और फिर उस टब को अपने सिर पर रखकर वहां से निकल पड़ा। इसी तरह से उन्होंने डेढ़ किलोमीटर तक 5 फीट गहरे बाढ़ के पानी में सफर किया औऱ सुरक्षित जगह पर पहुंचे। बच्ची की मां को भी बचा लिया गया है।
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