जानिए,केंद्र की नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी से जुड़े अपने सभी सवालों का जवाब?

देश भर में हो रहे प्रदर्शन की वजह क्या है? इतनी बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? सड़कों पर उतर कर जान लेने और जान देने पर उतारू क्यों है? आखिर ये नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी क्या है? इसी प्रकार के सवालों का जवाब लेकर हम आए हैं। आपके हर सवालों का जवाब है, इसे गौर से पढ़िए और सभी सवालों का जवाब पाइए...

जानिए,केंद्र की नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी से जुड़े अपने सभी सवालों का जवाब?
Pic of Banner of Save Constitution-Save Country
जानिए,केंद्र की नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी से जुड़े अपने सभी सवालों का जवाब?
जानिए,केंद्र की नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी से जुड़े अपने सभी सवालों का जवाब?
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जानिए,केंद्र की नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी से जुड़े अपने सभी सवालों का जवाब?
जानिए,केंद्र की नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी से जुड़े अपने सभी सवालों का जवाब?

देश भर में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का पुरजोर विरोध हो रहा है। आज यानी शुक्रवार को भी इस कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। भीम आर्मी दिल्ली में जामा मस्जिद से लेकर इंडिया गेट तक मार्च निकाल रही है। प्रदर्शनकारियों द्वारा दोपहर एक बजे शाहीन बाग में चक्का जाम किया गया। गैर कानूनी हिरासत और धारा 144 के विरोध में शाम पांच बजे इंडिया गेट पर प्रदर्शन हो रहा है।

विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जसोला विहार और शाहीन बाग मेट्रो स्टेशन आज भी बंद हैं। उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। लेकिन इस प्रदर्शन की वजह क्या है? इतनी बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? सड़कों पर उतर कर जान लेने और जान देने पर उतारू क्यों है? आखिर ये नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी क्या है? इसी प्रकार के सवालों का जवाब लेकर हम आए हैं। आपके हर सवालों का जवाब है, इसे गौर से पढ़िए और सभी सवालों का जवाब पाइए...

प्रश्न 1- क्या नागरिकता कानून किसी भी भारतीय नागरिक को प्रभावित करता है?

उत्तर - नहीं। इसका भारतीय नागरिकों से किसी भी तरह से कोई लेना-देना नहीं है। भारतीय नागरिकों को संविधान में वर्णित मूल अधिकार मिले हुए हैं। नागरिकता संशोधन कानून या अन्य कोई भी चीज उनसे इन्हें वापस नहीं ले सकती।

प्रश्न 2 - नागरिकता कानून किस पर लागू होता है?

उत्तर- यह पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक धार्मिक उत्पीड़न के चलते आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए है।

प्रश्न 3 - इन तीन देशों के हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाईयों को इससे कैसे लाभ होगा?

उत्तर- यदि उनके पास पासपोर्ट, वीजा जैसे दस्तावेजों का अभाव है और वहां उनका उत्पीड़न हुआ हो तो वह भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। नागरिकता संशोधन कानून ऐसे लोगों को नागरिकता का अधिकार देता है। इसके अलावा ऐसे लोगों को जटिल प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी और जल्द भारत की नागरिकता मिलेगी।

प्रश्न 4 - क्या इसका अर्थ यह है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के मुस्लिम कभी भारत की नागरिकता नहीं ले सकेंगे?

उत्तर - नागरिकता कानून के खंड 6 में किसी भी विदेशी व्यक्ति के लिए नैचुरलाइजेशन के जरिए भारतीय नागरिकता हासिल करने का प्रावधान है।इसके अलावा इस कानून के खंड 5 के तहत भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। यह दोनों ही प्रावधान जस के तस मौजूद हैं।

प्रश्न 5 - क्या इन तीन देशों से गैर-कानूनी रूप से भारत आए मुस्लिम अप्रवासियों को नागरिकता कानून के अंतर्गत वापस भेजा जाएगा?

उत्तर - नहीं। नागरिकता कानून का किसी भी विदेशी को भारत से बाहर भेजने से कोई लेना-देना नहीं है। किसी भी विदेशी नागरिक को देश से बाहर भेजने, चाहे वह किसी भी धर्म या देश का हो, की प्रक्रिया फॉरनर्स ऐक्ट 1946 और /अथवा पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) ऐक्ट 1920 के तहत की जाती है।

प्रश्न 6 - क्या इन तीन देशों के अलावा अन्य देशों में धार्मिक आधार पर भेदभाव का सामना कर रहे हिंदू भी नागरिकता कानून के अंतर्गत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं?

उत्तर - नहीं। उन्हें भारत की नागरिकता लेने के लिए सामान्य प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसके लिए उसे या तो पंजीकरण करवाना होगा अथवा नागरिकता हासिल करने के लिए आवश्यक समय भारत में गुजराना होगा। नागरिकता कानून लागू होने के बाद भी द सिटिजिनशिप ऐक्ट, 1955 के तहत कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।

प्रश्न 7 - क्या नागरिकता संशोधन ऐक्ट में नस्ल, लिंग, राजनीतिक अथवा सामाजिक संगठन का हिस्सा होने, भाषा व जातीयता के आधार पर होने वाले भेदभाव से पीड़ित लोगों को भी संरक्षण देने का प्रस्ताव है?

उत्तर - नहीं। नागरिकता कानून सिर्फ भारत के तीन करीबी देशों, जिनका अपना राजधर्म है, के छह अल्पसंख्यक समुदायों की सहायता करने के उद्देश्य से लाया गया है। विदेश में किसी अन्य प्रकार के उत्पीड़न का शिकार कोई भी व्यक्ति, अगर द सिटीजनशिप ऐक्ट, 1955 के तहत आवश्यक शर्तों का पालन करता है तो वह पंजीकरण और नागरिकता हासिल करने के लिए आवश्यक समय भारत में व्यतीतकर, नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।

प्रश्न 8 - क्या, नागरिकता संशोधन कानून धीरे-धीरे भारतीय मुस्लिमों को भारत की नागरिकता से बाहर कर देगा?

उत्तर - नहीं, नागरिकता संशोधन कानून किसी भी भारतीय नागरिक पर किसी भी तरह से लागू नहीं होगा। सभी भारतीय नागरिकों को मूलधिकार मिला हुआ है जिसकी गारंटी भारतीय संविधान ने दी है। सीएए का मतलब किसी भी भारतीय को नागरिकता से वंचित करना नहीं है। इसकी बजाय यह एक विशेष कानून है जो विदेशी नागरिकों खासकर तीन पड़ोसी देशों के लोगों को भारतीय नागरिकता देगा जो कुछ विशेष परिस्थिति का सामना कर रहे हैं।

प्रश्न 9 - क्या  नागरिकता संशोधन कानून के बाद एनआरसी आएगा और मुस्लिमों को छोड़कर सभी प्रवासियों को नागरिकता देगा और मुसलमानों को हिरासत शिविरों में भेज दिया जाएगा?

उत्तर- नागरिकता संशोधन कानून का एनआरसी से कोई लेना- देना नहीं है। एनआरसी का कानूनी प्रावधान दिसंबर 2004 से नागरिकता कानून, 1955 का हिस्सास है। इसके अलावा इन कानूनी प्रावधानों को संचालित करने के लिए विशेष वैधानिक नियम बनाए गए हैं। यह भारतीय नागरिकों के पंजीकरण और उनको राष्ट्री य पहचान पत्र जारी करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं। यह कानूनी प्रावधान कानून की किताबों में पिछले 15-16 साल से हैं। सीएए ने इसे किसी भी तरह से नहीं बदला है।

प्रश्न 10 - नागरिकता संशोधन कानून के तहत नागरिकता के लिए क्याै नियम हैं?

उत्तर - इस ऐक्ट के तहत समुचित नियम बनाए गए हैं। यह नियम सीएए के विभिन्नइ प्रावधानों को अमल में लाएंगे।

PIB