मानव जीवन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है गंगा दशहरा?

देशभर में आज गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जा रहा है। चारों ओर श्रद्धा, भक्ति एवं उल्लास का माहौल है। माँ गंगा के पावन तटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। श्रद्धालु पतित पावनी, मोक्षदायिनी माँ गंगा में डूबकी लगा रहे हैं। मनुष्यों के दस पापों को हरने वाले गंगा दशहरा का पावन पर्व पर प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।

मानव जीवन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है गंगा दशहरा?
Pic of Ganga River, Haridwar
मानव जीवन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है गंगा दशहरा?
मानव जीवन के लिए क्यों महत्वपूर्ण है गंगा दशहरा?

देशभर में आज गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जा रहा है। चारों ओर श्रद्धा, भक्ति एवं उल्लास का माहौल है। माँ गंगा के पावन तटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। श्रद्धालु पतित पावनी, मोक्षदायिनी माँ गंगा में डूबकी लगा रहे हैं। मनुष्यों के दस पापों को हरने वाले गंगा दशहरा का पावन पर्व पर प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। गंगा दशहरा पर दान-पुण्य तथा मोक्षदायिनी एवं पापनाशिनी माँ गंगा में स्नान करने का विशेष महत्व है। गंगा स्नान एवं माँ गंगा के पूजन से समस्त पापों एवं संतापों का शमन हो जाता है। माँ गंगा की उपासना एवं आरती करने से समस्त सिद्धियों की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा का पावन व्रत करने वालों के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। 

क्यों करें गंगा दशहरा का पावन पर्व?

गंगा दशहरा का पर्व अति महत्वपूर्ण है। शास्त्रों के अनुसार गंगा दशहरा का पावन व्रत करने से संपूर्ण मनोरथ पूर्ण होते हैं। गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान एवं माँ गंगा का पूजन करने से दस प्रकार के पापों का शमन होता है। गंगा दशहरा पर दान-पुण्य एवं गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है। स्नान, दान, जप, तप, ध्यान एवं गंगा पूजन करने से समस्त सिद्धियों की प्राप्ति होगी। यह गंगा दशहरा लोगों की आयु में वृद्धि प्रदान करने वाला तथा अष्टसिद्धियों एवं नवनिधियों को प्रदान करने वाला है। धवल स्वेत वस्त्राभूषणधारिणी, चतुर्भुजस्वरूपिणी, मकरवाहिनी, पतित-पावनी, मोक्षदायिनी, पापनाशिनी माँ गंगा अविरल बहती रहें,इसके लिए इस दिन हम सभी को माँ गंगा की स्वच्छता एवं पवित्रता बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए।

गंगा दशहरा पर बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग

गंगा दशहरा का यह पर्व दस महायोग के संयोग से बनता है। गंगा दशहरा जितना बलवान होगा, देश के लोगों को उतना ही लाभ प्राप्त होगा। इस बार गंगा दशहरा पर जो दस में से दस योग घटित हो रहे हैं, वो योग ज्येष्ठ माह, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण, आनंद योग, कन्या राशि में चंद्रदेव तथा वृषभ राशि में सूर्यदेव हैं। इसमें दशमी और व्यतिपात मुख्य माने गए हैं। इस दिन बुधवार और हस्त नक्षत्र होने से आनंद योग बन रहा है। इसलिए यह गंगा दशहरा लोगों की आयु में वृद्धि प्रदान करने वाला तथा अष्टसिद्धियों एवं नवनिधियों को देने वाला है।

कैसे करें गंगा दशहरा पर पूजन?

गंगा दशहरा के दिन नित्यकर्म से निवृत्त होकर गंगा अथवा गांगा जैसी किसी पवित्र नदी, जलाशय अथवा घर पर ही शुद्ध जल से स्नान करें। स्नानोपरांत माँ गंगा की मूर्ति स्थापित करें। माँ गंगा की मूर्ति सफेद कपड़े एवं सफेद कमल के साथ सजी होनी चाहिए। पूजा के दौरान दस वस्तुएं प्रसाद के रूप में होने चाहिए। गंगा दशहरा पर फल एवं काले तिल के बीज का दान सबसे शुभ माना जाता है। माँ गंगा की संपूर्ण विधि-विधान के साथ पूजन-अर्चन के उपरांत आरती करें। प्रसाद ग्रहण एवं वितरण करें और फिर ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान-दक्षिणा देकर ससम्मान विदा करें। ऐसा करने से माँ गंगा की आप पर अपार कृपा बरसेगी और आपके सभी मनोरथ पूर्ण होंगे।

मांगलिक कार्यों एवं खरीददारी के लिए  शुभ मुहूर्त

गंगा दशहरा के दिन इतने प्रबल योग बन रहे है कि कोई भी शुभ काम करना अति शुभ होगा। इस योगों के साथ रिवयोग बन रहा है। जिसके कारण आप कोई भी मांगलिक कार्य कर सकते है। इसके अलावा आप राशि अनुसार कुछ काम करके हर तरह की समस्या से निजात पा सकते है। शुभ मांगलिक कार्यों तथा खरीदारी के लिए यह दिन अत्यंत फलदायी एवं शुभ है। आप बिना संकोच कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य संपन्न करवा सकते हैं।