जानिए,कब होगा झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार,आखिर कहां फंसा है पेंच?

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार विधानसभा में शक्ति परीक्षण के बाद हो सकता है। 6 से 8 जनवरी के बीच होने वाले विधानसभा सत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल का गठबंधन सदन में बहुमत साबित करेगा। इसके बाद कैबिनेट विस्तार की संभावना जताई जा रही है।

जानिए,कब होगा झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार,आखिर कहां फंसा है पेंच?
Pic of Jharkhand CM Hemant Soren with Three Ministers
जानिए,कब होगा झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार,आखिर कहां फंसा है पेंच?
जानिए,कब होगा झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार,आखिर कहां फंसा है पेंच?

झारखंड की जनता ने कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन को स्पष्ट बहुमत दिया है। गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने तीन मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली है। लेकिन सोरेन मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा? उनके मंत्रिमंडल में जेएमएम और कांग्रेस के कितने विधायकों को जगह मिलेगी? कांग्रेस के खाते में कौन सा मंत्रालय जाएगा? जेएमएम किस मंत्रालय को अपने पास रखेगा? विधानसभा अध्यक्ष का पद जेएमएम अपने पास रखेगा या कांग्रेस को देगा? इस तरह के तमाम सवाल प्रदेश की जनता के मन में उठ रहे हैं।

प्रदेश की जनता के इन सवलों के जवाब में कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन सरकार का कैबिनेट विस्तार विधानसभा में शक्ति परीक्षण के बाद हो सकता है। 6 से 8 जनवरी के बीच होने वाले विधानसभा सत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल का गठबंधन सदन में बहुमत साबित करेगा। इसके बाद कैबिनेट विस्तार होगा।

दरअसल, जेएमएम और कांग्रेस के बीच मंत्रियों की संख्या पर फिलहाल सहमति नहीं बन पाई है। जेएमएम 6 मंत्री पद चाहता है, तो कांग्रेस भी 5 मंत्री पद पर अड़ गया है। आरजेडी के कोटे से एक विधायक सत्यानंद भोक्ता को मंत्री बनाया जा चुका है। लिहाजा,कांग्रेस या जेएमएम में से किसी एक को एक मंत्री पद का त्याग करना होगा।

दोनों दलों के बीच यदि सहमति बनानी है, तो कांग्रेस को 4 मंत्री पद पर सहमत होना होगा या जेएमएम को 5 मंत्री पद पर संतुष्ट होना होगा। यही वजह है कि कैबिनेट विस्तार में कुछ और वक्त लग सकता है। झारखंड में मुख्यमंत्री समेत कुल 12 मंत्री ही बन सकते हैं।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी 4 मंत्री पद पर मान जाएगी, अगर उसे विधानसभा अध्यक्ष का पद दे दिया जाए और अगर विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस को नहीं मिलता है,तो पार्टी अपने कोटे से 5 मंत्री बनवाकर रहेगी। दोनों पार्टियां मिल-बैठकर इस मुद्दे को सुलझा लेंगी। बहुमत साबित करने के बाद कांग्रेस और जेएमएम के नेता बैठेंगे और इस मुद्दे का हल निकाल लेंगे।

ज्ञात हो कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को 47 सीटें मिली हैं। जेएमएम ने अकेले 30 सीटें जीतीं हैं, जबकि कांग्रेस ने 16 और आरजेडी ने 1 सीट पर जीत दर्ज की है। सरकार बनाने के लिए गठबंधन को 50 विधायकों का समर्थन हासिल है। झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन की सरकार को बिना शर्त सर्मथन दिया है।