जानिए, झारखंड विधानसभा चुनाव-2020 में आखिर क्यों नहीं चलेगा नीतीश कुमार का ‘तीर’?

भारतीय चुनाव आयोग ने झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की शिकायत पर जेडीयू का सिंबल फ्रीज किया है। जेएमएम ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि जेडीयू और जेएमएम का चुनाव चिह्न एक ही तरह का है, जिससे जनता में भ्रम पैदा होगा, लिहाजा जेडीयू के सिबल को फ्रीज किया जाए।

जानिए, झारखंड विधानसभा चुनाव-2020 में आखिर क्यों नहीं चलेगा नीतीश कुमार का ‘तीर’?
Pic of Bihar CM and JDU President Nitish Kumar With JDU Symbol
जानिए, झारखंड विधानसभा चुनाव-2020 में आखिर क्यों नहीं चलेगा नीतीश कुमार का ‘तीर’?

बिहार में सत्तासीन पार्टी जनता दल यूनाइटेड यानी जेडीयू को चुनाव आयोग ने जोर का झटका दिया है। चुनाव आयोग ने नीतीश कुमार की जेडीयू का झारखंड में सूल फ्रीज कर दिया है। चुनाव आयोग की इस कार्रवाई के बाद जेडीयू झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल नहीं कर सकेगी और उसे चुनाव आयोग की ओर से जारी होने वाले किसी अन्य चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ना होगा।

भारतीय चुनाव आयोग ने झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की शिकायत पर जेडीयू का सिंबल फ्रीज किया है। जेएमएम ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि जेडीयू और जेएमएम का चुनाव चिह्न एक ही तरह का है, जिससे जनता में भ्रम पैदा होगा, लिहाजा जेडीयू के सिबल को फ्रीज किया जाए।

दरअसल, जेडीयू का चुनाव चिन्ह तीर का निशान है। जबकि जेएमएम का चुनाव चिन्ह धनुष है। इसको लेकर जेएमएम ने 24 जून को चुनाव आयोग में अर्जी दी थी। जेएमएम का कहना था कि जेडीयू का सिंबल उनकी पार्टी से मिलता-जुलता है,इससे मतदाता भ्रमित होगा। जेएमएम ने चुनाव आयोग ने जेडीयू का सिंबल फ्रीज करने की मांग की थी और फिर चुनाव आयोग ने ये कार्रवाई की। चुनाव आयोग के इस फैसले का जेएमएम ने स्वागत किया है।

आपको बताते चलें कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल जनता दल यूनाइटेड ने झारखंड में विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ने पर फैसला किया है। बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार से सलाह-मशविरे के बाद पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

सालखन मुर्मू ने कुछ दिन पहले कहा कि हम जितनी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की ओर देख रहे हैं, यह इस पर निर्भर करेगा कि हमें कितने जिताने वाले उम्मीदवार मिलते हैं। उन्होंने कहा था कि यदि हमें इतने अच्छे उम्मीदवार नहीं मिले तो हमें सभी 81 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ने का मलाल नहीं रहेगा।