Lockdown-40 : जानिए,कार्यस्थलों में अब कैसे होगा काम? किन-किन बातों का रखना होगा ध्यान? आपको क्या करना है और क्या नहीं?
स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन्स में कहा गया है कि अगर स्टाफ के किसी भी व्यक्ति को फ्लू जैसे लक्षण हैं, तो उसे दफ्तर न बुलाएं और स्थानीय प्रशासन से सलाह लें। दफ्तर में काम करने वाले सभी लोगों को हमेशा मास्क पहनना अनिवार्य होगा। एक-दूसरे से कम से कम एक मीटर की दूरी रखना जरूरी होगा। हाथ गंदे नहीं दिखने पर भी कर्मचारियों को बार-बार 40 से 60 सेकंड तक हाथ धोना अनिवार्य होगा। खांसते और छींकने वक्त एटीकेट्स का ध्यान रखना होगा।
देशभर में लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरुआत हो चुकी है। इस चरण में सभी सरकारी और निजी दफ्तरों को खोलने की इजाजत दी गई है। मगर मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से कोरोना से बचाव के लिए नए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं,जिसके मुताबिक कोरोना मरीज मिलने पर भी दफ्तर पूरी तरह से बंद नहीं होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन्स में कहा गया है कि अगर स्टाफ के किसी भी व्यक्ति को फ्लू जैसे लक्षण हैं, तो उसे दफ्तर न बुलाएं और स्थानीय प्रशासन से सलाह लें। दफ्तर में काम करने वाले सभी लोगों को हमेशा मास्क पहनना अनिवार्य होगा। एक-दूसरे से कम से कम एक मीटर की दूरी रखना जरूरी होगा। हाथ गंदे नहीं दिखने पर भी कर्मचारियों को बार-बार 40 से 60 सेकंड तक हाथ धोना अनिवार्य होगा। खांसते और छींकने वक्त एटीकेट्स का ध्यान रखना होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों में कहा गया कि सभी को अपनी सेहत की खुद निगरानी करनी होगी। सेहत में जरा भी गड़बड़ दिखने पर संस्थान को सूचित करना होगा। अगर ऐसा कोई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है,तो उसे तुरंत अपने दफ्तर को सूचित करना होगा। अगर कोई कर्मचारी कंटेनमेंट जोन में रह रहा है और होम क्वारंटाइन रहना चाहता है,तो संस्थान को उसे इसकी इजाजत देनी होगी।
गाइडलाइन्स में कहा गया है कि अगर एक ही दफ्तर में काम करने वाले किसी व्यक्ति में कोरोना जैसे लक्षण नजर आते हैं, तो उसे वर्क प्लेस पर किसी एक कमरे में दूसरों से आइसोलेट कर दें और तुरंत डॉक्टर को जांच के लिए बुलाएं। बिना देर किए इसकी सूचना 1075 हेल्पलाइन पर दें। इसके बाद जिला स्तर की टीम हालात पर गौर करेगी। वह देखेगी कि जोखिम कितना है। इसके बाद वह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों और संस्थान को डिसइन्फेक्ट करने की सलाह देगी।
गाइडलाइन्स में यह भी कहा गया है कि अगर किसी संदिग्ध कोरोना मरीज को हल्के लक्षण हैं,तो उसे होम आइसोलेशन में रखा जाएगा। रेपिड रिस्पॉन्स टीम मरीज की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करेगी। अगर किसी मरीज के संपर्क में आ चुके लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है,तो उस वर्क प्लेस के कोरोना का कल्स्टर बनने की आशंका रहेगी। वहां 15 से ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं।
ऐसे में संपर्क में आए लोगों का रिस्क असेसमेंट होगा। उन्हें आइसोलेट करना होगा या क्वारैंटाइन करना होगा। जो सबसे ज्यादा जोखिम में होंगे, उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। उन्हें होम क्वारंटाइन की गाइडलाइंस का पालन करना होगा। जिन्हें ज्यादा जोखिम नहीं है, वे कामकाज जारी रख सकेंगे, लेकिन उनकी सेहत पर 14 दिन करीबी नजर रखनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दफ्तर के बाद कर्मचारियों को क्या करना है इसके भी निर्देश दिए हैं। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अगर एक या दो मामले सामने आए हैं तो मरीज 48 घंटे में जहां-जहां गया होगा, उन जगहों को डिसइन्फेक्ट किया जाएगा। ऐसे मामले में पूरा दफ्तर बंद करना जरूरी नहीं होगा। दफ्तर डिसइन्फेक्ट होने के बाद वहां पर दोबारा काम शुरू किया जा सकेगा।
अगर किसी दफ्तर में ज्यादा मामले सामने आए हैं तो पूरी बिल्डिंग को 48 घंटे बंद करना होगा। बिल्डिंग को बारीकी से डिसइन्फेक्ट किया जाएगा। जब बिल्डिंग को दोबारा फिट घोषित नहीं किया जाता, तब तक सभी स्टाफ को घर से काम करेगा।
Comments (0)