लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर सावधान ! रफ्तार पर रखे काबू, वर्ना होगी सुनिश्चित कार्रवाई
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को ताज नगरी आगरा से जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे पर लगातार हो रहे हादसों की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने तेज रफ्तार वाहनों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। दूरी और गति सीमा का आकलन कर यह पैमाना बनाया है कि जो वाहन तीन घंटे से पहले एक्सप्रेस-वे पार करेगा, उस पर निश्चित कार्रवाई होगी।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को ताज नगरी आगरा से जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे पर लगातार हो रहे हादसों ने शासन और प्रशासन को सोंचने पर मजबूर कर दिया है। शायद ही वो कोई दिन होगा जब इस एक्सप्रेस-वे पर कोई हादसा न होता हो और उस हादसे में किसी की जान न जाती हो।
अच्छी बात यह है कि आए दिन हो रहे हादसों की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने तेज रफ्तार वाहनों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। दूरी और गति सीमा का आकलन कर यह पैमाना बनाया है कि जो वाहन तीन घंटे से पहले एक्सप्रेस-वे पार करेगा, उस पर निश्चित कार्रवाई होगी। पिछले दो दिन में 25 ई-चालान हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि यह व्यवस्था 28 जून से शुरू की गई है। 302 किमी का एक्सप्रेस वे जो वाहन तीन घंटे से पहले पार करेंगे, उन पर कार्रवाई सुनिश्चित है।
कार के लिए 100 किमी तो ट्रक, बस आदि भारी वाहनों के लिए गति सीमा 60 किमी प्रति घंटा निर्धारित है। इसका उल्लंघन करने वाले वाहनों का डाटा लखनऊ और आगरा के पुलिस अधीक्षक यातायात को ई-मेल द्वारा भेजा जा रहा है। दोनों जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को व्यवस्था संबंधी जानकारी पहले ही दी जा चुकी थी। इस तरह दो दिन में ही गति सीमा का उल्लंघन करने वाले 25 वाहनों को ई-चालान भेजे जा चुके हैं।
दरअसल, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का फर्राटा हादसों का सबब बन रहा है। एक अनुमान के मुताबिक अब तक वाहन दुर्घटनाओं में लगभग 250 लोगों की जान जा चुकी है। इसे देखते हुए यूपीडा ने ओवरस्पीड की निगरानी के लिए आधुनिक उपकरण लगाए हैं। आगरा छोर पर माइलस्टोन 21 किमी और लखनऊ के 290 किमी पर आधुनिक कैमरे लगाए गए हैं, जो गति की निगरानी के साथ ही नंबर प्लेट भी पढ़ेंगे।
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