एनएस विश्वनाथन को दोबारा क्यों बनाना पड़ा RBI के डिप्टी गर्वनर ?
एनएस विश्वनाथन को एक साल के लिए आरबीआई का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया है। उन्हें ये जिम्मेदारी दूसरी बार मिली है। इससे पहले विश्वनाथन को चार जुलाई 2016 को केंद्रीय बैंक में तीन साल के लिए डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था।
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के इस्तीफे के बाद रिजर्व बैंक ने एन एस विश्वनाथन को एक साल के लिए डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। एनएस विश्वनाथन को यह जिम्मेदारी दूसरी बार मिली है। इससे पहले चार जुलाई 2016 को केंद्रीय बैंक में विश्वनाथन को तीन साल के लिए डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल 3 जुलाई 2019 को खत्म होना था, लेकिन सरकार ने उन्हें दोबारा एक साल के लिए नियुक्त किया है।
अप्वाइंटमेंट कमिटी ऑफ कैबिनेट ने विश्वनाथन के आरबीआई डिप्टी गवर्नर पद पर दोबारा नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। कार्मिक मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी बयान के अनुसार विश्वनाथन की नियुक्ति और एक साल के लिए और की गई है। उनका मौजूदा कार्यकाल बुधवार यानी 3 जुलाई को समाप्त हो रहा था। अब 4 जुलाई से उनका नया कार्यकाल शुरू होगा।
आरबीआई में चार डिप्टी गवर्नर होते हैं
रिजर्व बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होते हैं। सरकार इनकी नियुक्ति गवर्नर की राय को अहमियत देते हुए करती है। परंपरा है कि चार डिप्टी गवर्नर में से दो केंद्रीय बैंक के ही अधिकारी होते हैं। एक डिप्टी गवर्नर कमर्शियल बैंकिंग क्षेत्र से होता है। चौथा डिप्टी गवर्नर कोई जाना माना अर्थशास्त्री होता है। यही चौथे डिप्टी गवर्नर के रूप में विरल आचार्य 20 जनवरी 2017 को तीन साल के लिए नियुक्त किए गए थे। लेकिन हाल ही में विरल आचार्य ने रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था।
एनएस विश्वनाथन सबसे वरिष्ठ डिप्टी गवर्नर हैं
महेश जैन के अलावा रिजर्व बैंक के पास मौजूदा समय में दो गवर्नर हैं। इनमें से एक है बीपी कानूनगो। सबसे वरिष्ठ डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन हैं। विरल आचार्य द्वारा इस्तीफा देने के बाद सरकार के सामने दो नए डिप्टी गवर्नर को नियुक्त करने की जिम्मेदारी थी।
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