बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद से मदन मोहन झा ने आज इस्तीफा दे दिया
बिहार में कांग्रेस को लगातार मिल रही हार और चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा पर इस्तीफे का दवाब बना हुआ था। इसे लेकर कल से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
बिहार में कांग्रेस को लगातार मिल रही हार और चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा पर इस्तीफे का दवाब बना हुआ था। इसे लेकर कल से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे पद से इस्तीफा दे सकते हैं। गुरुवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। उनका यह इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। मदन मोहन झा इस समय दिल्ली में हैं। उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात की। बिहार में कांग्रेस की खराब होती स्थिति के लिए उन्हें ही सीधे तौर पर जिम्मेदार माना जा रहा था। लगभग चार साल बाद झा से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी वापस ली गई है।
प्रेम चंद मिश्रा ने की इस्तीफे की पुष्टि:
पार्टी के कद्दावर नेता और विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद मिश्रा ने मदन मोहन झा के इस्तीफे की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि झा ने अपना इस्तीफा सौंप दिया हैं। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। वहीं पार्टी के एक नेता का कहना है कि पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा था और उनपर इस्तीफा देने का दबाव था।
राहुल गांधी से होगी मुलाकात:
जानकारी के मुताबिक, लगातार बिहार में कांग्रेस की हार और चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पर इस्तीफे का दबाव बना हुआ था. इसे लेकर कर एक चर्चा कल से चल रही है कि प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा इस्तीफा दे सकते हैं. मदन मोहन झा इस वक्त दिल्ली में हैं. अगली खबर ये है कि गुरुवार 11 बजे से 12 बजे दोपहर के बीच उनकी मुलाकात राहुल गांधी से होनी है. पद पर रहने के करीब चार साल बाद मदन मोहन झा से बिहार प्रदेश अध्यक्ष की कमान वापस ली गई है.
70 में से 19 सीट जीतने के बाद बढ़ा था दबाव:
बिहार में कार्यकर्ताओं में कमी, चुनावों में हार और निचले स्तर पर कई बड़ी अनियमितताओं के कारण प्रदेश में कांग्रेस का स्तर बहुत कमतर होता जा रहा था. ऐसे में मदन मोहन झा की कार्यशैली और भूमिका पर भी सवाल उठ रहे थे. बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से ही मदन मोहन पर इस्तीफे को लेकर दबाव बना हुआ था. पार्टी को 70 सीटों में से 19 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी. ऐसे में उन पर लगातार इस्तीफे को लेकर दबाव बन रहा था.
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