मतदान से पहले महाराष्ट्र में शिवसेना को झटका, टिकट बंटवारे से नाराज 26 पार्षदों समेत 300 कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा
टिकट बंटवारे से नाराज चल रहे शिवसेना के 26 पार्षदों सहित लगभग 300 कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया दिया है। इन सभी पार्षदों और कार्यकर्ताओ ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को अपनी इस्तीफा भेजा है। महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाने हैं और चुनाव से ठीक पहले इस तरह के सामूहिक इस्तीफे से शिवसेना के चुनावी अभियान को झटका लग सकता है।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव चुनाव की सरगर्मी शबाब पर है। तमाम दलों के नेता चुनावी मैदान में जोर आजमाईश कर रहे हैं। जनता को लुभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी बीच नेताओं और कार्यकर्ताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। इसी कड़ी में टिकट बंटवारे से नाराज चल रहे शिवसेना के 26 पार्षदों सहित लगभग 300 कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया दिया है। इन सभी पार्षदों और कार्यकर्ताओ ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को अपनी इस्तीफा भेजा है।
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी और शिवसेना में शामिल हुए नेताओं के कारण कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटे हैं। इस वजह से कई विधायक और उनके समर्थक नाराज चल रहे हैं। उनका कहना है कि हम वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहे हैं। लेकिन कुछ दिन पहले अन्य दलों से आए नेताओं को टिकट देना हमारे साथ अन्याय है।
महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाने हैं और चुनाव से ठीक पहले इस तरह के सामूहिक इस्तीफे से शिवसेना के चुनावी अभियान को झटका लग सकता है। दरअसल, इस बार शिवसेना की तरफ से उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी चुनाव लड़ रहे हैं। आदित्य मुंबई की वर्ली सीट से चुनावी मैदान में हैं।
यह शिवसेना के इतिहास में पहला मौका है जब परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ रहा हो। बुधवार को चुनावी प्रचार के दौरान उद्धव के दूसरे बेटे तेजस ठाकरे भी एक चुनावी रैली में दिखाई दिए, जिससे अटकलें तेज हो गई हैं कि शायद वो भी राजनीति में उतर सकते हैं।
इससे पहले 3 अक्टूबर को टिकट बंटवारे से नाराज बीजेपी के दो मौजूदा विधायकों ने उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर धरना भी दिया था। नाराज़ विधायक अशोक पाटिल के समर्थकों ने कहा, ‘हमें विश्वास नहीं हो रहा है कि उन्हें टिकट नहीं दिया गया है। वो पार्टी के लिए हमेशा मौजूद रहे हैं। हम न्याय की मांग कर रहे हैं और उम्मीद है कि उद्धव जी और आदित्य जी हमारे साथ न्याय करेंगे।
आपको बताते चलें कि मतदान से पहले शिवसेना ही नहीं राज्य में अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के पाला बदलने का दौर भी जारी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने हाल ही में पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिसमें कांग्रेस विधायक नीतेश राणे का नाम भी शामिल है।
राज्य में कुछ 288 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें बीजेपी और शिवसेना गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छोटे घटक आरपीआई और आरएसपी को 14 सीटें दी गई हैं। भारतीय जनता पार्टी राज्य की 150 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
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