महाराष्ट्र मामले में आया सुप्रीम फैसला,बुधवार को ही होगा फ्लोर टेस्ट,प्रोटेम स्पीकर शाम 5 बजे तक पूरी कराएंगे प्रक्रिया,कार्यवाही का होगा सीधा प्रसारण 

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत के दौरान गुप्त मतदान नहीं होगा और पूरी प्रक्रिया शाम पांच बजे तक पूरी हो जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि प्रोटेम स्पीकर की नियुक्त तुरंत किया जाए। शपथ ग्रहण कल सुबह 11 बजे शुरू होगा। इसके बाद शाम 5 बजे तक ओपन बैलट के जरिए फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।

महाराष्ट्र मामले में आया सुप्रीम फैसला,बुधवार को ही होगा फ्लोर टेस्ट,प्रोटेम स्पीकर शाम 5 बजे तक पूरी कराएंगे प्रक्रिया,कार्यवाही का होगा सीधा प्रसारण 
GFX Supreme Court of India and Devendra Fadanvis With Ajit Pawar
महाराष्ट्र मामले में आया सुप्रीम फैसला,बुधवार को ही होगा फ्लोर टेस्ट,प्रोटेम स्पीकर शाम 5 बजे तक पूरी कराएंगे प्रक्रिया,कार्यवाही का होगा सीधा प्रसारण 
महाराष्ट्र मामले में आया सुप्रीम फैसला,बुधवार को ही होगा फ्लोर टेस्ट,प्रोटेम स्पीकर शाम 5 बजे तक पूरी कराएंगे प्रक्रिया,कार्यवाही का होगा सीधा प्रसारण 

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी कवायद के बीच सर्वोच्च अदालत ने शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की संयुक्त याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कल बुधवार यानी 27 नवंबर को शाम पांच बजे से पहले महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। अदालत ने फ्लोर टेस्ट की पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण के भी आदेश दिए हैं।

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत के दौरान गुप्त मतदान नहीं होगा और पूरी प्रक्रिया शाम पांच बजे तक पूरी हो जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि प्रोटेम स्पीकर की नियुक्त तुरंत किया जाए। शपथ ग्रहण कल सुबह 11 बजे शुरू होगा। इसके बाद शाम 5 बजे तक ओपन बैलट के जरिए फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।

इससे पहले सोमवार को अदालत ने इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस एन वी रमना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की पीठ इस मामले की सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने सोमवार को करीब डेढ़ घंटे तक सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान विपक्ष ने 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी।

मंगलवार को जस्टिस एनवी रमना ने फैसले में कहा कि इस अंतरिम चरण में सभी पार्टियों को संवैधानिक नैतिकता बनाए रखनी चाहिए। शिवसेना के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नीति से जुड़े फैसले लेने से रोका जाए। हालांकि, अदालत ने इस पर कोई आदेश नहीं दिया। बेंच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा राष्ट्रपति शासन हटाने और शपथ ग्रहण कराने के फैसले की न्यायिक समीक्षा के मुद्दे पर बाद में फैसला सुनाएगा। इसके लिए अलग-अलग पार्टियों को नोटिस भेजे गए हैं।

आपको बताते चलें कि सोमवार को जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच के सामने केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, शिवसेना की ओर से कपिल सिब्बल, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से मुकुल रोहतगी और अजित पवार की ओर से मनिंदर सिंह ने दलीलें पेश की थीं।