भारत सरकार ने तुर्की राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के बयान दी कड़ी प्रतिक्रिया,कहा-कश्मीर हमारा आंतरिक मामला,ना दें दखल

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के कश्मीर बयान को खारिज करते हैं। हम तुर्की नेतृत्व से अनुरोध करते हैं कि वह भारत के आंतरिक मामले में दखल ना दे। भारत ने कहा कि हम तुर्की नेतृत्व से अनुरोध करते हैं कि वह भारत के लिए पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद के खतरे सहित सभी तथ्यों की सही समझ विकसित करे।

भारत सरकार ने तुर्की राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के बयान दी कड़ी प्रतिक्रिया,कहा-कश्मीर हमारा आंतरिक मामला,ना दें दखल
Pic of Turky President With Prime Minister Narendra Modi
भारत सरकार ने तुर्की राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के बयान दी कड़ी प्रतिक्रिया,कहा-कश्मीर हमारा आंतरिक मामला,ना दें दखल
भारत सरकार ने तुर्की राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के बयान दी कड़ी प्रतिक्रिया,कहा-कश्मीर हमारा आंतरिक मामला,ना दें दखल

केंद्र की नरेंद्र सरकार ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाने और इस मसले पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन करने पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। भारत सरकार ने पाकिस्तानी संसद में रजब तैयब एर्दोआन के संबोधन में जम्मू-कश्मीर के सभी संदर्भों को खारिज किया और करारा जवाब दिया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन के कश्मीर बयान को खारिज करते हैं। हम तुर्की नेतृत्व से अनुरोध करते हैं कि वह भारत के आंतरिक मामले में दखल ना दे।  तुर्की को नसीहत देते हुए भारत ने कहा कि हम तुर्की नेतृत्व से अनुरोध करते हैं कि वह भारत के लिए पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद के खतरे सहित सभी तथ्यों की सही समझ विकसित करे।

दरअसल, भारत की आपत्ति के बावजूद तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने शुक्रवार को एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया और कहा कि उनका देश इस मामले में पाकिस्तान के रुख का समर्थन करेगा क्योंकि यह दोनों देशों से जुड़ा विषय है।

इससे पहले दो दिन की यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे एर्दोआन ने पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि तुर्की इस सप्ताह पेरिस में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल यानी एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर होने के पाकिस्तान के प्रयासों का समर्थन करेगा।

रजब तैयब एर्दोआन ने एफएटीएफ की आगामी बैठक के संदर्भ में कहा, ''मैं इस बात पर भी जोर देना चाहता हूं कि हम एफएटीएफ की बैठकों में राजनीतिक दबाव के संदर्भ में पाकिस्तान का समर्थन करेंगे। कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख पर अपने देश का समर्थन दोहराते हुए एर्दोआन ने कहा कि इसे संघर्ष या दमन से नहीं सुलझाया जा सकता, बल्कि न्याय और निष्पक्षता के आधार पर सुलझाना होगा।

उन्होंने पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले के परोक्ष संदर्भ में कहा, ''हमारे कश्मीरी भाइयों बहनों ने दशकों तक परेशानियां झेली हैं और हाल के समय में लिये गये एकपक्षीय कदमों के कारण समस्याएं और बढ़ गयी हैं।

तुर्की राष्ट्रपति ने कहा, 'आज कश्मीर का मुद्दा हमारे उतना ही करीब है जितना आपके। उन्होंने कहा, 'ऐसा समाधान सभी संबंधित पक्षों के हित में होगा। तुर्की कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए न्याय, शांति और संवाद के साथ खड़ा रहेगा।'

एर्दोआन ने अपने भाषण में कश्मीरियों के संघर्ष की तुलना प्रथम विश्व युद्ध में अपने देश के संघर्ष से की। उन्होंने पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाया था।  संयुक्त राष्ट्र में एर्दोआन के बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए भारत ने कहा था कि उसे कश्मीर पर तुर्की के बयान पर गहरा अफसोस है और यह उसका आंतरिक मामला है।