जज ने जमानत से पहले आरोपी पर लगाई शर्त-पांच गरीब परिवारों के बच्‍चों को पढ़ाओगे, शराबबंदी कानून का करोगे पालन

जज ने जमानत से पहले आरोपी पर लगाई शर्त-पांच गरीब परिवारों के बच्‍चों को पढ़ाओगे, शराबबंदी कानून का करोगे पालन

झंझारपुर कोर्ट ने आज परंपरा से हटकर फैसला सुनाया। पांच गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने की शर्त पर एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) की कोर्ट ने एक बंदी को सशर्त जमानत दी है। कैदी उपकारा में बंद है और शराब के एक मामले में आरोपित है। सोमवार को आरोपित को जमानत देने से पहले कोर्ट ने दो शर्त लगायी है। 

पहली शर्त है कि बंदी अब से शराब बंदी कानून का पूरी तरह पालन करेगा। वहीं दूसरी शर्त है कि पांच गरीब परिवार के बच्चों को तीन माह तक आरोपित नि:शुल्क शिक्षा दिलाएगा। तीन महीने बाद उनके परिवार से लिखित प्रमाण-पत्र लेकर कोर्ट में जमा करना है। प्रमाणपत्र में अंकित होगा कि उनके बच्चे को आरोपित ने तीन महीने तक नि:शुल्क शिक्षा दिलाया है। एडीजे कोर्ट के इस आदेश की कानून के जानकारों के बीच प्रशंसा हो रही है।

यह है मामला: मधेपुर थाना में 16 नवंबर 2020 को 164/2020 के तहत एक मामला दर्ज किया गया । थाना के चौकीदार जलधारी पासवान के आवेदन पर पचही, मधेपुर गांव के रौशन मुखिया, भरगामा, भेजा गांव के नीतीश कुमार यादव एवं अन्य लोगों को आरोपित किया गया था। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि वे लोग अपने अन्य साथियों के साथ गाड़ी व बाइक से शराब ले जा रहे थे। ग्रामीणों की सूचना पर इन लोगों को पचही काली मंदिर से कुछ दूर बाद चौकीदार ने अपने साथ के साथ रोका था। किन्तु शराब धंधेबाजों ने पिस्तौल निकाल कर हवाई फायरिंग करते हुए जान मारने की धमकी देते हुए वहां से भागने में सफल हो गए थे। वादी का आरोप है कि एक बाइक को नीतीश कुमार यादव चला रहा था।

बीते 16 नवंबर से जेल में बंद है आरोपित: इस मामले में आरोपित नीतीश कुमार यादव बीते 16 नवंबर से जेल में बंद है। एडीजे कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा नीतीश की जमानत अर्जी दाखिल की गई थी। इस अर्जी पर एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के द्वारा शराब बंदी कानून का पालन करने के साथ ही पांच गरीब बच्चों की नि:शुल्क शिक्षा दिलाने की शर्त पर जमानत अर्जी को मंजूर करने का आदेश दिया गया है।